उत्तरबौद्धकाल से ही शिल्पकारों के लिए वर्धकी या वढ्ढकी संज्ञा का प्रयोग होता आया है। 'मिलिन्दपन्हो' में वर्णित शिल्पों में...
रामधारी सिंह जी दिनकर ने यह कविता रची थी। तिरंगे को समर्पित यह कविता किस प्रकार आज नरेंद्र मोदी के...
इसमें कोई दो मत नहीं है कि स्वतंत्रता के लगभग साढ़े सात दशक बाद भी देश की अपनी राष्ट्र भाषा...
भारती का प्रिय गान बंकिम चन्द्र का वन्दे मातरम् था। 1905 में काशी में हुए कांग्रेस अधिवेशन में सुप्रसिद्ध गायिका सरला देवी ने...
आज सब ओर अंग्रेजीकरण का वातावरण है। संस्कृत को मृत भाषा माना जाता है। ऐसे में श्री गिरिराज शास्त्री (दादा...
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की राष्ट्रीय भावना का स्वर ‘नील देवी’ और ‘भारत दुर्दशा’ नाटकों में परिलक्षित होता है। अनेक साहित्यकार तो भारत दुर्दशा नाटक से...
भारतीय पत्रकारिता व हिंदी साहित्य के पितामह भारतेंदु जी ने अपनी लेखनी के माध्यम से अंग्रेज सरकार को तो हिला...
उत्तम शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम में चारित्रिक विकास एवं मानवीय गुणों को विकसित करने के विषयों को भी सम्मिलित किया...
गत दिनों झांसी में आयोजित हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) की द्वितीय केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दीक्षांत कार्यक्रम में प्रख्यात...
दादी की आंखों में एक बड़ा-सा स्कूल, उसकी खिड़कियां, दरवाजे, स्कूल की क्यारी, मैदान में प्रार्थना करने के लिए पंक्तिबद्ध...
कोरोना नाम की चायनीज महामारी ने दुनिया भर को घर में घुसेड़ दिया। घर से बाहर निकलो तो कोरोना भले...
संत एकनाथ बहुत परोपकारी थे। वे महान संत थे लेकिन उनके आचरण, व्यवहार और वाणी में कोई दिखावा नहीं था।...
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