पहला सुख निरोगी काया, दूसरा सुख घर में हो माया

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धनतेरस -- लोक में ऐसा प्रचलन है कि इस दिन स्वर्ण, चांदी, तांबे की खरीदी करना शुभ होता है। इसलिए लोग जमकर आभूषण इत्यादि खरीदते हैं। आइए! समझते हैं धनतेरस क्या है? धनतेरस में दो शब्द है पहला है धन जिस का सामान्य अर्थ लगाया जाता है पैसा रुपया सोना…

तीसरी लहर से रहें सावधान

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कोविड से जुड़े आंकड़ों के विश्लेषण और वैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना वायरस की तीसरी लहर का प्रकोप अक्टूबर-नवंबर के दौरान तेजी पकड़ सकता है लेकिन दूसरी तरफ गणितीय अनुमान एवं वैज्ञानिक मॉडलिंग के निष्कर्षों का यह अनुमान भी दिया जा रहा है कि अगर लोग कोरोना गाइडलाइंस का गंभीरता के साथ और सही तरीके से पालन करेंगे तो तीसरी लहर से ज्यादा नुकसान नहीं होगा।

निर्भय जीवन

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मनुष्य को सबसे अधिक भय होता है अपनी मृत्यु का। श्रीकान्त धारप ने तो मृत्यु पर भी विजय पायी थी। वे कैन्सर जैसी असाध्य बीमारी से ग्रस्त हुए। उन्हें जब इसका पता चला, तब उन्होंने अटल रूप में होने वाले उस पूर्ण विराम का बड़ी ही शान्ति से स्वागत किया।

दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य के लिए भी अनिवार्य है अभिवादनशीलता

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भारतीय संस्कृति में अतिथि को भगवान का रूप माना गया है। तैत्रीय उपनिषद् में कहा गया है ‘अतिथि देवो भव’। कथासरितसागर कार सोमदेव भट्ट के अनुसार ‘यथाशक्त्यतिथै: पूजा धर्मो हि गृहमोधिनाम्’ अर्थात् अपनी शक्ति के अनुसार अतिथि का सत्कार करना गृहस्थ का धर्म है।

अस्थि रोगों में लाभकारी मत्स्यासन

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- समतल भूमि पर कंबल बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं। दोनों पैर सामने की ओर फैलाएं। अब दोनों हाथों से दाहिने पैर को घुटने से इस प्रकार मोड़ें कि एड़ी उदर भाग से सट जाएं और पंजे की उंगलियां जांघ के बाहरी भाग तक फैली रहे।

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