केसरिया झंडे को ही संघ ने सर्वोच्च स्थान क्यों दिया?

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भगवा ध्वज हिंदुओं को त्याग, बलिदान, शौर्य, देशभक्ति आदि की प्रेरणा देने में सदैव सक्षम रहा है। यह ध्वज हिंदू समाज के सतत संघर्षों और विजयश्री का साक्षी रहा है। ‘भगवा ध्वज’ के बिना हम हिंदू संस्कृति, हिंदू राष्ट्र और हिंदू धर्म की कल्पना नहीं कर सकते। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के…

गुरु पूर्णिमा: दुनिया से परिचय कराने वाले गुरु की महिमा

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गुरु, ब्रम्हा जी की तरह हमारे हृदय में उच्च संस्कार भरते हैं, विष्णु जी की तरह पोषण करते हैं एवं शिवजी की तरह हमारे कुसंस्कारों एवं जीवभाव का संहार करते हैं। मित्रों और संबंधियों द्वारा अथक प्रयास के बाद भी जो ज्ञान हमें प्राप्त नहीं हो सकता, वह सब हमें ब्रम्हदेवता गुरु से सहज ही प्राप्त हो जाता है।

संघ का गुरु भगवाध्वज

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ध्वज हिंदुओं को त्याग, बलिदान, शौर्य, देशभक्ति आदि की प्रेरणा देने में सदैव सक्षम रहा है। यह ध्वज हिंदू समाज के सतत् संघर्षों और विजयश्री का साक्षी रहा है। ‘भगवा ध्वज’ के बिना हम हिंदू संस्कृति, हिंदू राष्ट्र और हिंदू धर्म की कल्पना नहीं कर सकते।

बंदउ गुरु पद कंज

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गुरु वह प्रज्ञावान, ज्ञानवान महापुरुष और श्रेष्ठ मानव होता है जो अपने ज्ञान का अभीसिंचन करके व्यक्ति में जीवन जीने तथा अपने कर्तव्य को पूरा करने में उसकी सुप्त प्रतिभा और प्रज्ञा का जागरण करता है।

कश्मीर का आध्यात्मिक महत्व

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कश्मीर के आध्यात्मिक महत्व का आरंभ ‘शारदा पीठ’ से होता है| इसका दक्षिण द्वार आद्य श्री शंकराचार्य  ने खोला था| यह ‘शारदा पीठ’ आज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है|  यह शारदा पीठ यानी विद्या की देवता ‘सरस्वती माता’ का मंदिर| प्राचीन काल में इस प्रदेश को शारदा देश कहा जाता था|

तस्मै श्री गुरवे नमः

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भारतीय जीवन परंपरावादी है। हमारे ऋषि-मुनियों ने बहुत सोच-विचार कर, ज्ञान-विज्ञान और समय की कसौटी पर सौ प्रतिशत कस कर कुछ परंपराओं का निर्माण किया।

गुरु बिनु होइ न ज्ञान

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सनातन वैदिक संस्कृति तथा जीवन पद्धति की समृद्ध परम्परा मेंगुरु का स्थान सर्वोच्च है। गुरु में दो अक्षर हैं ‘गु’ जिसका अर्थ है अन्धकार तथा ‘रु’ का अर्थ है प्रकाश! अर्थात गुरु वह तत्व है जो अन्धकार को मिटाता है और प्रकाश को फैलाता है।

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