बेटी के तीन तलाक के दर्द से परेशान अब्बू की गई जान

Continue Readingबेटी के तीन तलाक के दर्द से परेशान अब्बू की गई जान

शौहर द्वारा बेटी को तीन तलाक देने से उसके अब्बू इतने परेशान हुए कि उनकी जान ही चली गई। यह घटना है झारखंड के रामगढ़ की। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि झारखंड पुलिस यह सिद्ध करने में पूरी ताकत लगा रही है कि पीड़िता को तीन तलाक दिया…

युद्ध से संसाधन जीते जा सकते, मानव मन नहीं

Continue Readingयुद्ध से संसाधन जीते जा सकते, मानव मन नहीं

साहिर लुधियानवी की एक नज़्म है कि, "ख़ून अपना हो या पराया हो; नस्ल-ए-आदम का ख़ून है आख़िर। जंग मशरिक़ में हो कि मग़रिब में, अम्न-ए-आलम का ख़ून है आख़िर।।" वर्तमान दौर में ये पंक्तियां एकदम सटीक बैठती हैं, क्योंकि जिस दौर में आज हम जी रहें हैं या कहें…

घर की चारदीवारी में कैद हो गईं अफगान महिलाएं

Continue Readingघर की चारदीवारी में कैद हो गईं अफगान महिलाएं

हाल में ही अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर जब तालिबान ने कब्जा किया तब वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने निवास स्थान में नहीं थे। वे तालिबान के डर से पहले ही देश छोड़कर भाग गए थे और साथ में काफी कैश भी अपने साथ ले गए थे हालांकि कुछ…

क्या कार्टूनों की आड़ में अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार किया जा रहा है?

Continue Readingक्या कार्टूनों की आड़ में अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार किया जा रहा है?

पहले उस कार्टून के बारे में थोड़ा जान लिया जाय। जादबपुर विश्वविद्यालय के प्रो. अंबिकेश महापात्र ने ममता बनर्जी पर बनाये गये अपने कुछ कार्टूनों को इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइट ‘फेसबुक’ पर लगाया और उन्हें अपने कुछ मित्रों को भी पोस्ट किया।

बात दिल पर लगनी चाहिए, तभी तो बात बनेगी।

Continue Readingबात दिल पर लगनी चाहिए, तभी तो बात बनेगी।

पिछाले दो माह से घरों में, रास्तो में, नाकों पर, रेल के डिब्बो में, समाचार पत्रो में, चैनलो पर देश तथा समाज की विभिन्न गंभीर समस्याओं के बारे में चर्चाएँ हो रही हैं।

End of content

No more pages to load