संसद में ‘माननीय’ कहने योग्य बचे हैं नेता?

Continue Readingसंसद में ‘माननीय’ कहने योग्य बचे हैं नेता?

भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां हर व्यक्ति अपनी पसंद से अपना प्रतिनिधि चुनता है और वह प्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर संसद में सरकार के साथ या फिर विरोध में रहता है। संसद की कार्यप्रणाली के अनुसार सरकार और विपक्ष एक साथ आकर देश के विकास को लेकर…

राजनीति की सफाई

Continue Readingराजनीति की सफाई

न्यायपालिका की सक्रियता एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। पिछले माह सर्वोच्च न्यायालय के तीन महत्वपूर्ण निर्णय आए हैं। पहला निर्णय है, अपराधी तत्वों को राजनीति से दूर रखना; दूसरा निर्णय है, मतदाताओं को लालच के रूप में वस्तु आदि मुुफ्त बांटने पर पाबंदी और तीसरा निर्णय है,

राजनीतिक नाटक

Continue Readingराजनीतिक नाटक

कोई सालभर से सोनियाजी अस्वस्थता के कारण रोजमर्रे के काम से दूर हैं और राहुलजी कोई करिश्मा नहीं कर फाए। अन्य फार्टियों में भी इस गड़बड़झाले का संक्रमण हो रहा है। सोचिए जरा, देश किधर जा रहा है?

मिथक टूटा, हैट्रिक हुई, परिवारवाद खत्म

Continue Readingमिथक टूटा, हैट्रिक हुई, परिवारवाद खत्म

उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य जिन चार राज्यों में हाल में चुनाव हुए उनमें गोवा में भाजपा को अच्छी सफलता मिली, पंजाब में अकाली गठबंधन के साथ वह सत्ता में आई।

महायुति से समीकरण बदलेंगे

Continue Readingमहायुति से समीकरण बदलेंगे

महाराष्ट्र की दस महाफालिकाओं और सत्ताइस जिला फरिषदों के चुनाव फरवरी में होने वाले हैं। चुनाव आयोग के द्वारा यह घोषणा होते ही सभी राजनैतिक दलों में हलचल शुरू हो गयी है।

संसद की दीवारें भी कुछ कहती हैं

Continue Readingसंसद की दीवारें भी कुछ कहती हैं

भीतर जाकर संसद भवन को बारीकी से देखने का अवसर मुझे नहीं मिला परन्तु राज्यसभा के सांसद न्यायाधीश डॉ. ए. रामा ज्वाईस को मैं धन्यवाद दूंगा, जिनकी पुस्तिका

End of content

No more pages to load