इन देशों का रवैया चिंतित करने वाला है 

Continue Readingइन देशों का रवैया चिंतित करने वाला है 

भाजपा नेताओं द्वारा इस्लाम से संबंधित टिप्पणी पर कई इस्लामिक देशों में हो रही प्रतिक्रियाएं किसी दृष्टि से सामान्य घटना नहीं है। कतर ,कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को सम्मन कर लिखित नाराजगी जताई । यही नहीं सऊदी अरब, कुवैत और बहरीन के स्टोरों से भारतीय चीजें हटाए जाने…

फंडिंग एजेन्सी के हाथों में आंदोलन

Continue Readingफंडिंग एजेन्सी के हाथों में आंदोलन

इस तरह एनजीओ में धीरे-धीरे फंडिंग एजेन्सी का दबाव अधिक बढ़ने लगा और आंदोलन समाज के हाथ से निकल गया। वर्ना देश में कोई भी आंदोलन समाज से कट कर कैसे चल सकता है? जैसे दिल्ली में हाल में ही सीएए और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन चला। जिसकी वजह से लाखों लोगों की जिन्दगी प्रभावित हुई। स्कूल बस, एम्बुलेन्स तक को शाहीन बाग आंदोलन में बाधित किया गया। क्या महीनों ऐसे रास्ता बंद करके बैठे लोगों के समूह को आंदोलन कह सकते हैं, जिस आंदोलन में कोई मानवीय पक्ष दिखाई ना देता हो। 

भारत की अफगान नीति उपयुक्त और व्यवहारिक

Continue Readingभारत की अफगान नीति उपयुक्त और व्यवहारिक

भारत की अफगानिस्तान और तालिबान संबंधी नीतियों को लेकर जिस तरह के दुष्प्रचार और अफवाह बार-बार सामने आ रहे हैं उनसे आम भारतीय के अंदर भी कई प्रकार की आशंकाएं पैदा हो रही है। सोशल मीडिया पर सबसे बड़ा प्रचार यह हुआ कि भारत ने तालिबान को मान्यता दे दिया।…

गोरे व्यक्ति का बोझ और आतंकवादी, सरीखे ही

Continue Readingगोरे व्यक्ति का बोझ और आतंकवादी, सरीखे ही

तालिबानियों को समाप्त करने का लक्ष्य लेकर अमेरिका 20 वर्ष पूर्व अफगानिस्तान में दाखिल हुआ। परंतु 20 वर्ष बाद उन्ही तालिबानियों के हाथों अफगानिस्तान को सौंपकर अमेरिकी सेना स्वदेश वापस लौट गई है। इससे अमेरिका की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा पर अनेक प्रश्न चिन्ह लग गए हैं। उनकी चर्चा हो रही…

तालिबान से बढ़ी भारत की चुनौतियां

Read more about the article तालिबान से बढ़ी भारत की चुनौतियां
A Taliban fighter looks on as he stands at the city of Ghazni, Afghanistan August 14, 2021. REUTERS/Stringer NO RESALES. NO ARCHIVES
Continue Readingतालिबान से बढ़ी भारत की चुनौतियां

भारत के संदर्भ में विचार करें तो अफगानिस्तान में तालिबान के हाथों सत्ता आने से केवल उसकी आंतरिक राजनीति नहीं बदली बल्कि पूरे क्षेत्र की भू -राजनीतिक -सामरिक स्थिति व्यापक रूप से परिवर्तित हो गई है ? केवल भारतीय ही नहीं, विश्व भर में शांति के लिए समर्पित सभी देशों के वासी अफगानिस्तान…

दुनिया के लिए अतंकवादी खतरा तालिबान

Read more about the article दुनिया के लिए अतंकवादी खतरा तालिबान
Taliban fighters stand over a damaged police vehicle along the roadside in Kandahar on August 13, 2021. (Photo by - / AFP)
Continue Readingदुनिया के लिए अतंकवादी खतरा तालिबान

अफगानिस्तान का पूरा परिदृश्य विचलित और आतंकित करने वाला है ।  एक घोषित मजहबी आतंकवादी संगठन सशस्त्र संघर्ष करते हुए  पूरे देश पर आधिपत्य जमा ले, निर्वाचित व विश्व द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार को सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर कर दे और विश्व समुदाय मूकदर्शक बना देखता रहे सामान्यतः इस…

नेतृत्व विहीन अफगानिस्तान

Continue Readingनेतृत्व विहीन अफगानिस्तान

तालिबानी की विजय की खबर आने के बाद मलाला युसुफज़ई ने ट्वीट किया, ‘अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण होने से हम स्तब्ध हैं। मुझे स्त्रियों, अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार-समर्थकों को लेकर चिंता है। वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय शक्तियों को चाहिए कि वे फौरन युद्धविराम कराएं, जरूरी मानवीय सहायता मुहैया कराएं और शरणार्थियों तथा नागरिकों की हिफाजत करें।’ मलाला युसुफज़ई कौन है?वही जिसे तहरीके तालिबान ने इसलिए गोली मारी थी, क्योंकि वह पढ़ना चाहती थी और लड़कियों की पढ़ाई की समर्थक थी।

जिहादी हमला और छद्मयुद्ध

Continue Readingजिहादी हमला और छद्मयुद्ध

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई यह राष्ट्नीय मुद्दा है। इसमें दलगत राजनीति को कोई स्थान नहीं है। फिर भी धमाकों के बाद कुछ राजनीतिक नेताओं के जिस तरह से बेतुके बयान आए उससे सर्कस के मसखरे की याद हो गई। लोगों का क्षणभर भले मनोरंजन हुआ हो, लेकिन इससे उनमें गुस्सा भी है।

End of content

No more pages to load