खत्म हुआ शाहीन बाग का धरना

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर पिछले करीब तीन महीने से चल रहा शाहीन बाग का धरना प्रदर्शन मंगलवार को खत्म हो गया। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए पुलिस ने शाहीन बाग को खाली करने के आदेश दिए थे जिसके बाद कुछ शरारती तत्वों ने पहले पुलिस के साथ झड़प की और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उन लोगों को हिरासत में ले लिया और बाकी धरने पर बैठे लोगों को घर भेज दिया। शाहीन बाग में मुस्लिम महिलाए पिछले करीब 100 दिनों से धरने पर बैठी थी। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद शाहीन बाग का धरना खत्म हो गया। जिसके बाद पुलिस ने वहां लगे तम्बू और बाकी सामानों को भी जप्त कर वहां से हटवा दिया और सड़क को पूरी तरह से साफ कर खाली करवा दिया।

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने के बाद कुछ राजनीतिक पार्टियों और एक विशेष समुदाय द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। हालांकि देश के बाकी वर्ग ने इस कानून का जोरदार स्वागत किया और इसके समर्थन में रैलियां भी निकाली। केंद्र सरकार की तरफ से गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों ही सदनों में इस कानून को लेकर सफाई दी औऱ सभी को विश्वास दिलाया कि इस कानून से किसी को भी परेशान होने की जरुरत नही है। अमित शाह ने कहा कि इस कानून से किसी की भी नागरिकता को कोई खतरा नही है। सदन में शाह ने विपक्षी दलों को चुनौती देते हुए कहा था कि कोई भी धारा या नियम ऐसा बता दें जिससे किसी की भी नागरिकता को खतरा हो जिसके बाद विपक्ष की तरफ से कोई भी जवाब देने को तैयार नहीं हुआ। इससे पहले विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाया जा रहा था कि इस कानून के लागू होने के बाद मुसलमानों को देश से बाहर निकाल दिया जायेगा।

वहीं राजधानी दिल्ली में धारा 144 लागू है जिसके चलते एक साथ कहीं पर भीड़ इकठ्ठा नहीं हो सकती। भारत के तमाम राज्यों में कोरोना वायरस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है जिसके चलते राज्य सरकारें एहतियात के तौर पर धारा 144 और कर्फ्यू लागू कर चुकी है जिससे लोग एक दूसरे से दूरी बना सकें।

पुलिस सहित तमाम सुरक्षा दल कोरोना की लड़ाई में शामिल है राज्यों की पुलिस लगातार सड़कों पर पहरा दे रही है ताकि कोई भी बाहर ना निकले। इससे पहले पीएम ने भी राज्यों से कहा था कि धारा 144 और कर्फ्यू का सरकार सख्ती से पालन करवाए। वहीं पंजाब और महाराष्ट्र में हालात चिंता जनक होने के चलते राज्य सरकारों ने कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है क्योंकि इन दोनों ही राज्यों में संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।

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