इससे पहले नौसेना में लम्बे समय के लिए महिलाओं को युद्धपोत पर तैनात नहीं किया जाता था क्योंकि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ग्रुप क्वार्टर में सुरक्षा की कमी थी और महिलाओं के लिए बाथरूम की व्यवस्था भी अलग से नहीं थी जिसकी वजह से महिला अधिकारियों को युद्धपोत पर तैनात नहीं किया जाता था लेकिन नौसेना के इस नये फैसले के बाद यह निश्चित है कि अब इसमें बदलाव तेजी से होंगे।
नौसेना के युद्धपोत पर तैनात इन दोनों युवा महिला अधिकारियों को मल्टीरोल हेलीकॉप्टर में लगे सेंसरों को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग दी जा रही है इसके साथ ही दोनों महिला अधिकारी MH60R हेलीकॉप्टर में उड़ान भर सकती हैं। इस हेलिकॉप्टर को दुनिया का सबसे अत्याधुनिक मल्टीरोल हेलीकॉप्टर माना जाता है जो दुश्मन के जहाज़ों और पनडुब्बियों को आसानी से तलाश कर उनकी जानकारी दे सकता है। वर्ष 2018 में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित इस हेलीकॉप्टर को खरीदने की मंजूरी दी थी जिसका मूल्य लगभग 2.6 अमेरिकी डॉलर था।
नौसेना में शामिल दोनों युवा महिला अधिकारियों को नौसेना के 17 अधिकारियों की टीम में शामिल किया गया था जहां यह महिला अधिकारी आब्जर्वर के तौर पर टीम का हिस्सा थी। इन्हे एयर नेवीगेशन, फ्लाइंग प्रोसीजर, हवाई युद्ध के दौरान आज़माए जाने वाली तरकीब और एंटी सबमरीन वार फेयर के अलावा एवियॉनिक सिस्टम का प्रशिक्षण दिया गया है।
इससे पहले हाल ही में भारतीय वायुसेना ने भी महिला लड़ाकू पायलट को राफेल विमानों की फ्लीट को ऑपरेट करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया है ऐसे में नौसेना की तरफ से भी महिलाओं को आगे लाने का काम सराहनीय तौर पर देखा जा रहा है यानी कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अब देश की रक्षा के लिए देश की बेटियां भी पूरी तरह से तैयार है।