पूरे देश में शुरु होगा कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन, कांग्रेस देगी किसानों को समर्थन

कृषि बिल से कोई नुकसान नहीं
केंद्र सरकार की तरफ से किसान संबंधी तीन बिल दोनों सदनों में पास कर दिये गये है और प्रधानमंत्री से लेकर कृषि मंत्री तक सभी इस पर सफाई भी दे चुके है कि यह बिल किसी भी तरह से किसान विरोधी नहीं है। इस नये बिल के लागू होने के बाद किसानों को खुली छूट होगी अपने अनाज की कीमत तय करने की और वह पहले से ज्यादा कीमत भी ले सकते है। पीएम मोदी ने कहा कि देश के अन्नदाता कर्ज़दार पूरा देश है इसलिए उसे अपने अनाज का सही दाम मिलना चाहिए और इसलिए ही इस बिल को लाया गया है। पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह किसानों को बरगलाने का काम ना करें और देश में विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा ना दें। 
 
कृषि बिल पर हंगामा क्यों?
किसान बिल जैसे ही लोकसभा में पास हुआ उसके बाद एनडीए की समर्थन पार्टी शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौन ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया और कहा कि यह बिल किसानों के विरोध में है जिसके बाद से पूरे देश में किसानों का विरोध देखने को मिल रहा है। देश के अलग अलग शहरों में किसान इस बिल का विरोध कर रहे है और सरकार से मांग कर रहे है कि यह बिल वापस ले लिया जाए। वहीं कांग्रेस भी शुरु से इस बिल का विरोध कर रही है लेकिन वह सदन में बहुमत ना होने की वजह से बिल को पास होने से नहीं रोक सकी जिसके बाद अब कांग्रेस भी किसानों के साथ विरोध में उतर चुकी है। कांग्रेस ने एक बैठक कर यह निश्चित किया है कि वह हालिया कृषि बिल का विरोध करेगी और पूरे देश से 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर जुटा राष्ट्रपति को सौंपेगी। 
 
कृषि विरोध पर कांग्रेस की बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल के नेतृत्व में यह बैठक हुई जिसमें प्रियंका गांधी, अहमद पटेल, वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और अंबिका सोनी सहित पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हुए। कोविड के बाद यह कांग्रेस की पहली बैठक है जब सभी नेता एक जगह पर इकट्ठा हुए है। बैठक के दौरान काँग्रेस की तरफ से यह निश्चित किया कि उनकी पार्टी विरोध कर रहे किसानों की हर संभव मदद करेगी और इस आंदोलन को और बड़ा करेगी। कांग्रेस इस विरोध को सिर्फ मीडिया या दिल्ली तक सीमित नही रखना चाहती है बल्कि पार्टी कार्यकर्ता इसके लिए शहर शहर और गांव गांव जाकर किसानों को इसके लिए जागरुक करेंगे। 
 
मुसीबत ना बनें किसानों का विरोध!
केंद्र की मोदी सरकार ने जितने भी बिल लाये है उसमें से ज्यादातर का विरोध ही हुआ है लेकिन इस बार बात किसानों पर आ गयी है जिससे यह विरोध सरकार के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आगामी कुछ महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने है और ऐसे में किसानों के खिलाफ होने वाला कोई भी फैसला सरकार के लिए नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश ऐसे राज्य है जहां आज भी किसानी बड़े पैमानें पर होती है।  

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