प्रेरणा स्त्रोत – इन्द्र कुमार पाटोदिया

राजस्थान के झुंझुंनू जिले की वीर भूमि, धर्म भूमि, दान भूमि एवं विश्व प्रसिद्ध नवलगढ़ कस्बे के निवासी स्व. श्री जुगल किशोर जी तथा स्व. श्रीमती शान्ती देवी पाटोदिया के यहां 1951 में जन्मे श्री इन्द्र कुमार पाटोदिया ने मुंबई को अपनी कर्मभूमि बनाया। अपने माता‡पिता के सुसंस्कारों से प्रेरित होकर श्री पाटोदिया ने तन‡मन‡धन से प्राणी मात्र की सेवा और परोपकार को जीवन का मूल मन्त्र मान लिया है। कुशाग्र बुद्धि, सौम्य एवं मृदुभाषी तथा सत्य, परिश्रम, स्पष्टवादिता, कर्म, संस्कृति, सभ्यता, सहयोग, सद्भावना आदि विशेष मानवीय गुणों की वजह से वह समाज में सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं। इनके द्वारा कर्मभूमि मुंबई एवं अपनी जन्मभूमि राजस्थान में धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक, चिकित्सा क्षेत्र तथा असहाय, बीमार, बूढ़ी गायों की सेवा, रक्षा एवं संरक्षण हेतु किये गए उल्लेखनीय तथा सराहनीय कार्यों की वजह से विभिन्न क्षेत्रों की संस्थाओं तथा संगठनों में इनका सानिध्य आदर्श नेतृत्व का पर्याय बन गया है तथा इन्हें प्रेरणा स्रोत मानकर मार्ग दर्शन प्राप्त करते हुए पर्याप्त अनुगमन कर रहे हैं।

वर्तमान में पाटोदिया जी राजस्थानी सेवा समिति एवरशाईन नगर मालाड के अध्यक्ष, श्री राणी सती सार्वजनिक औषधालय मालाड के ट्रस्टी एवं पॉलिक्लिनिक प्रकल्प के अध्यक्ष, जय श्री श्याम परिवार चूड़ीधाम ट्रस्ट मुंबई के ट्रस्टी एवं अध्यक्ष, शान्ती देवी जुगल किशोर पाटोदिया चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं अध्यक्ष, लायन्स क्लब इन्टरनेशनल ड्रिस्ट्रिक्ट 140 के गवर्नर, लायन्स क्लब ऑफ मालाड-दिंडोशी के सेकेन्ड वाइस प्रेसीडेन्ट के पद की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। इसके अलावा श्री पाटोदिया मुंबई एवं राजस्थान की अनेक संस्थाओं एवं संगठनों से सक्रिय तौर पर जुड़े हुए हैं तथा विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं, जहां इनकी नि:स्वार्थ सेवाएं सुनहरे अक्षरों में दर्ज हैं तथा नित्य नये अंकित व सुचर्चित हो रहे हैं।

अग्रणी धर्मानुरागी समाजसेवी तथा परोपकारी प्रवृत्ति के धनी श्री इन्द्र कुमार जी द्वारा सम्पादित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय एवं ऐतिहासिक कार्यों से प्रभावित होकर विभिन्न संस्थाओं एवं सुप्रसिद्ध सन्तों ने समाज‡रत्न, समाज‡कर्णधार, विकास‡रत्न, ऋषि‡रत्न, ऋषि‡सम्मान, सेवा‡भाष्कर, धर्मवीर‡समर्पण, धर्मरक्षक इत्यादि उपाधियों से अलंकृत करके इन्हें सम्मानित किया है।

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