
कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को निधन हो गया। उन्हे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके बाद उन्हे 19 दिसंबर को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इससे पहले कल 20 दिसंबर को ही मोतीलाल वोरा ने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। कांग्रेस नेता के निधन पर सभी लोगों ने शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने दुख प्रकट करते हुए लिखा है कि वोरा जी कांग्रेस के सच्चे सिपाही थे। कांग्रेस पार्टी को उनकी कमी हमेशा खलेगी। वोरा जी के परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं है।
Vora ji was a true congressman and a wonderful human being. We will miss him very much.
My love & condolences to his family and friends. pic.twitter.com/MvBBGGJV27
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 21, 2020
कांग्रेस परिवार के वरिष्ठ सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री श्री मोतीलाल वोरा जी के निधन पर सादर श्रद्धांजलि।
केंद्रीय मंत्री से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री तक जनहित ही वोरा जी के जीवन का उद्देश्य रहा।
कांग्रेस के प्रति उनके लगाव, जुनून, उत्साह, समर्पण को सदैव याद किया जाएगा। pic.twitter.com/9HWGYDFhcE
— Congress (@INCIndia) December 21, 2020
Shri Motilal Vora Ji was among the senior-most Congress leaders, who had vast administrative and organisational experience in a political career that spanned decades. Saddened by his demise. Condolences to his family and well-wishers. Om Shanti: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 21, 2020
मोदीलाल वोरा ने सन 1970 में कांग्रेस का हाथ पकड़ा और 1972 में विधायक बन गये। इसके बाद दो बार और विधायक के तौर पर जनता ने मोलीलाल वोरा पर अपना विश्वास जताया और फिर 1983 में कैबिनेट मंत्री का भी दर्जा मिल गया। मोतीलाल वोरा का राजनीतिक सफर तेजी से आगे बढ़ता चला गया। मध्य प्रदेश के 1985 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हे राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया गया। 13 फरवरी 1985 को उन्होने सीएम पद की शपथ ली लेकिन मात्र तीन साल बाद उन्होने पद से इस्तीफा दे दिया और 14 फरवरी 1988 को केंद्र में स्वास्थ्य कल्याण परिवार मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया। मोतीलाल वोरा सन 1993 से लेकर 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।