कांग्रेस में अंदरुनी लड़ाई बहुत दिनों से जारी है लेकिन इसकी शुरुआत पंजाब से होगी यह किसी ने शायद नहीं सोचा होगा। मध्य प्रदेश के बाद सभी की नजर राजस्थान पर थी लेकिन सभी का आकलन गलत साबित हुआ और कांग्रेस की यह फूट पंजाब से देखने को मिली। सिद्धू ने बीजेपी से नाता तोड़ा तो कांग्रेस ने उन्हें अपना हाथ दे दिया लेकिन अब सिद्धू कांग्रेस का हाथ काटते नजर आ रहे है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सियासत को पूरी तरह से उखाड़ दिया हालात यहां तक पहुंच गये कि कैप्टन को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा और वह अब खुलकर कांग्रेस के विरोध में आ गये। पंजाब कांग्रेस के जो हालात है उससे यह लग रहा है कि अब कांग्रेस को सिद्धू के उपर ज्यादा भरोसा है इसलिए उनके मनमुताबिक ही सब कुछ हो रहा है।
दरअसल कैप्टन और सिद्धू के बीच की राजनीतिक दुश्मनी काफी समय से चली आ रही है। कैप्टन का पंजाब में बतौर मुख्यमंत्री यह दूसरा कार्यकाल चल रहा था जिसे सिद्धू के राजनीतिक गणित के चलते समय से पहले खत्म करना पड़ा। उधर सिद्धू को भी पंजाब में ही राजनीति करनी है और उसके लिए ही वह बीजेपी से अपना रिश्ता तोड़ कर कांग्रेस में आए थे। यहां कैप्टन साहब उन्हें राज्य में घुसने नहीं दे रहे थे जिसके बाद सिद्धू की दिल्ली दौड़ जारी रही और आखिरकार वह सफल हुए। दिल्ली आलाकामान के आदेश के बाद कैप्टन को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा लेकिन अब पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने खुलकर यह ऐलान कर दिया है कि अगर सिद्धू को पंजाब सीएम के उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया तो वह उसे रोकने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे। सिद्धू को रोकने के लिए वह किसी भी कदम को उठाने से नहीं चूकेंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के पाकिस्तानी प्रेम का भी जिक्र किया और कहा कि इस तरह का पाकिस्तान से प्रेम देश के लिए घातक है। सिद्धू जब पाकिस्तान में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में गये तो उनकी जनरल बाजवा के साथ फोटो वायरल हुई थी और सिद्धू को जमकर ट्रोल किया गया था। कैप्टन की तरफ से ऐसी उम्मीद जताई गई है कि अगर सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री बनते हैं तो पाकिस्तान आसानी से नशीले पदार्थों को पंजाब के जरिए भारत में पहुंचा सकेगा और भारत में आतंकी गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल जायेगा वहीं कैप्टन के इस बगावती तेवर के बाद अब कांग्रेस हाईकमान की मुश्किल बढ़ सकती है। कैप्टन ने राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ साथ कुछ सीनियर नेताओ पर भी हमला बोला और उन्हें पंजाब में हुए परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराया। कैप्टन की तरफ से यह भी दावा किया गया कि उन्होंने सोनिया गांधी को इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन सोनिया गांधी ने कहा कि वह पद पर बने रहे।
पंजाब कांग्रेस के बदलते हालात के बाद कैप्टन के तेवर अब बगावती हो चुके हैं वह अब खुलकर कांग्रेस के काम काज पर सवाल उठा रहे हैं। पूर्व सीएम कैप्टन ने यहां तक कह दिया कि राहुल और प्रियंका के पास राजनीतिक अनुभव नहीं है यह बयान अपने आप में बहुत कुछ साबित करता है। राहुल और प्रियंका गांधी के कामकाज पर सवाल खड़ा करना कांग्रेस सुप्रीमों सोनियां गांधी पर सवाल खड़े करने जैसा है। अब सवाल यह है कि क्या कैप्टन के इस बयान के बाद उन्हें कांग्रेस में फिर से जगह मिलेगी या नहीं ? अगर नहीं तो फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह का अगला राजनीतिक पड़ाव किस पार्टी में होगा। पंजाब में जारी इस बवाल के बाद भी अभी तक सोनियां गांधी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।