‘कन्यादान’ हिन्दू संस्कृति के खिलाफ बढ़ते विज्ञापन

भारत वह देश है जहां हिंदुओं की संख्या अधिक है और सनातन धर्म सबसे पहला धर्म है। दरअसल सनातन धर्म की उत्पत्ति को लेकर कोई निश्चित तिथि भी नहीं है ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वी की रचना के साथ ही सनातन धर्म की शुरुआत हुई थी। तमाम ऋषि मुनियों ने इस धर्म का पालन किया और आज भी भारत में सबसे अधिक इसे मानने वाले लोग है। यह सब बताने के पीछे किसी और धर्म को कमजोर या फिर नीचा दिखाने का आशय नहीं है बल्कि यह बात उन लोगों के लिए है जो कुछ चंद किताबें पढ़ कर सनातन धर्म पर सवाल खड़े करते हैं। पश्चिमी मानसिकता से ग्रसित कुछ लोग अब सनातन धर्म के कामकाज और पूजा पाठ की पद्धति को गलत बताने लगे है। 
 
आजकल फिल्म अभिनेत्री आलिया भट्ट का एक विज्ञापन चर्चा में है जिसमें वह एक कपड़े का विज्ञापन कर रही हैं और उस दौरान सनातन धर्म के ‘कन्यादान’ परंपरा को गलत बता रही हैं। हालांकि यह अलग बात है कि आलिया भट्ट या किसी और के कहने से सनातन धर्म खत्म नहीं होने वाला हैं लेकिन इस तरह से ‘कन्यादान’ जैसे पवित्र परंपरा को बदनाम करना ठीक नहीं है। शास्त्रों में यह कहा गया है कि कन्यादान से बड़ा कोई दान नहीं होता है और इसको करने वाला हमेशा मोक्ष को प्राप्त करता है। हिन्दू धर्म का कोई भी विवाह बिना ‘कन्यादान’ के पूर्ण ही नहीं होता है। प्रभु श्रीराम और माता सीता के विवाह के समय भी राजा जनक ने ‘कन्यादान’ किया था।   
ब्रिटिश नागरिकता के साथ भारत में रहने वाली आलिया भट्ट को सनातन धर्म के बारे में कितना ज्ञान होगा? यह तो आप को भी पता होगा। कान्वेंट स्कूल से शिक्षा लेने वाले किसी भी बच्चे को सनातन धर्म से संबंधित कुछ भी नहीं पढ़ाया जाता है। इसलिए इस बात की उम्मीद ही लगाना गलत होगा कि आलिया भट्ट को इसकी कोई जानकारी होगी। जिस बॉलिवुड से आलिया भट्ट ताल्लुक रखती है वहां ज्ञान की जरूरत कम और लाइट व कैमरे की जरूरत ज्यादा होती है। किसी विज्ञापन लिखने वाले ने उन्हें यह बता दिया कि आप को विज्ञापन करना है और उसके लिए आप की यह लाइन है जिसके बाद कैमरे के सामने आलिया सहित तमाम लोगों ने अपनी अपनी लाइन बोली और फिर पैसे लेकर अपने घर चले गये इसलिए इस विज्ञापन के लिए वह विज्ञापन लेखक भी उतना ही जिम्मेदार है जितना बाकी सब लोग। 
आलिया भट्ट और शादी के कपड़े बनाने वाली कंपनी मान्यवर के खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी है और यह कहा गया है कि इस विज्ञापन के माध्यम से हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाई गयी है। शिकायत में यह भी कहा गया कि ‘कन्यादान’ की पवित्रता को गलत तरीके से दिखाने की कोशिश की गयी है और लोगों को उसका गलत मतलब समझाया गया है। इस एड को लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर विरोध हुआ था और लोगों ने कहा कि कुछ लोग हिन्दू धर्म के खिलाफ लगातार एड बना रहे हैं। यह कोई पहली बार नहीं है इससे पहले भी हिन्दू धर्म के खिलाफ कई विज्ञापन बनाए जा चुके है जिसका विरोध भी हुआ था लेकिन यह खत्म नहीं हो रहा है। 

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