क्या सचमुच 84 लाख योनियों में भटकना होता है?

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हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार जीवात्मा 84 लाख योनियों में भटकने के बाद मनुष्य जन्म पाता है। अब सवाल कई उठते हैं। पहला यह कि ये योनियां क्या होती हैं? दूसरा यह कि जैसे कोई बीज आम का है तो वह मरने के बाद भी तो आम का ही बीज बनता है…

पर्व त्यौहारों की विविधता है भारत की पहचान

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पोंगल,जल्लीकट्टू,कम्बाला,पोळा,सोहराय,सोनहाना आदि आदि परब त्योहार पशुधन को समर्पित परब है जो कृषि प्रधान भारत वर्ष को विविधता के साथ संस्कृति के एक सूत्र में बाँधने का काम करता है।.. कोई एक साथ ही दीपावली मना रहा तो कोई सोहराय तो कोई काली पूजा, तो कोई कुछ और, कहीं कोई समस्या…

समृद्धि के आह्वान का उत्सव है रूप चतुर्दशी

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पर्व हमारी संस्कृति के उज्ज्वल पक्ष के प्रहरी हैं। ये हमारी बहुरंगी संस्कृति के जीवंत साक्ष्य हैं। जीवन को आनंद का आस्वाद करवाना इनका परम लक्ष्य होता है। इनसे घर-परिवार में एकात्म भाव बनता है और खुशियां छलकती हैं। दीपोत्सव की पांचदिवसीय पर्व श्रंखला में धन त्रयोदशी के बाद पड़ने…

पहला सुख निरोगी काया, दूसरा सुख घर में हो माया

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धनतेरस -- लोक में ऐसा प्रचलन है कि इस दिन स्वर्ण, चांदी, तांबे की खरीदी करना शुभ होता है। इसलिए लोग जमकर आभूषण इत्यादि खरीदते हैं। आइए! समझते हैं धनतेरस क्या है? धनतेरस में दो शब्द है पहला है धन जिस का सामान्य अर्थ लगाया जाता है पैसा रुपया सोना…

अमेरिकी समाज में हिंदू विचार क्यों हुआ इतना प्रतिष्ठित

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कई अमेरिकी राज्यों ने अक्टूबर माह को हिंदू विरासत माह घोषित किया है। उनका मानना है कि हिंदू धर्म ने अपनी अद्वितीय विरासत से अमेरिका के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1960 के दशक में बहुत से अमेरिकियों का हिंदू धर्म से परिचय 'ध्यान' व 'साधना' के माध्ये से…

‘कन्यादान’ हिन्दू संस्कृति के खिलाफ बढ़ते विज्ञापन

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भारत वह देश है जहां हिंदुओं की संख्या अधिक है और सनातन धर्म सबसे पहला धर्म है। दरअसल सनातन धर्म की उत्पत्ति को लेकर कोई निश्चित तिथि भी नहीं है ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वी की रचना के साथ ही सनातन धर्म की शुरुआत हुई थी। तमाम ऋषि मुनियों…

हमारा कर्तव्य

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इस साल पर्यूषण पर्व के अवसर पर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के द्वारा 6 अगस्त 2020 को वधशालाओं तथा मांस की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी कर 11 अगस्त 2020 को आदेश को वापस ले लिया जो कानूनी परिधि के प्रतिकूल निर्णय था और यह देश भर में चर्चा का विषय बन गया है।

त्रिगुनरूप भगवान दत्तात्रय

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गीता के इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो व्यक्ति समर्पण भाव से मेरे पास आता है, मैं उसे भयमुक्त करता हूं और हमेशा उसकी रक्षा करता हूं। भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिये और कालानुरूप अवतार लेते है।

दशहरा: क्षात्रतेज जागृत करने का पर्व

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दशहरे के दिन शस्त्र पूजन का एक और उद्देश्य है जनमानस में क्षात्रतेज को जागृत करना। यह क्षात्रतेज ही संकट की घडी में व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय अस्मिता को बचाने का कार्य करता है।

मंदिर निर्माण श्रीराम के आदर्शों की पुनर्स्थापना

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अयोध्या में केवल भव्य दिव्य श्रीराम मंदिर नहीं बन रहा है अपितु प्रभु श्रीराम के आदर्शों की भी पुनर्स्थापना हो रही है, जो सदियों-सदियों तक मानव जाति के लिए एक संजीवनी का काम करने के साथ ही एक आदर्शवान, चरित्रवान और दैवीय परिवार, समाज एवं राष्ट्र का नवनिर्माण कराती रहेगी।

संकल्प शिलाओं का पूजन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन शिलाओं का पूजन किया वे शिलाएं केवल पत्थर या धातु की नहीं हैं वरन वे देश को वैभव संपन्न करने वाली ’संकल्प शिलाएं’ हैं। यह संकल्प भारत और विश्व के सभी राम भक्तों का है। यह राष्ट्रीय संकल्प है। यह सत्य संकल्प है। राजनीति से इसका कोई संबंध नहीं है।

कृष्णं वंदे जगद्गुरूम्

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जिन्हें भारतीय जीवन मूल्य एवं विचार दर्शन का पूर्ण रूप से आकलन करना है उनके लिए पूर्णावतार श्रीकृष्ण का चरित्र एवं विचार दीपस्तंभ की तरह हैं। विश्ववंद्य भगवद् गीता का उद्गाता, महाभारत के अधिनायक भगवान श्रीकृष्ण याने धर्माधिष्ठित समाज नीति एवं राजनीति का सुंदर संगम है।

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