
कांग्रेस और भ्रष्टाचार का बहुत पुराना रिश्ता रहा है और यह रिश्ता लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अगर आप को पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के घोटालों की खबर नहीं मिल रही है तो कारण है उसका सत्ता से दूर रहना। जब देश में राजीव गांधी की सरकार थी तब भी उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और यह सिलसिला लगातार चलता रहा, डॉक्टर मनमोहन सिंह के समय में तो करीब अब तक के सबसे बड़े घोटालों को अंजाम दिया गया। अलग अलग कई क्षेत्रों में घोटाला हुआ और वह भी हजारों करोड़ का। वर्ष 2014 के बाद से कांग्रेस केंद्र की सत्ता में नहीं है तो घोटाला नहीं हो रहा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन में सरकार बनी, कांग्रेस से नेता अनिल देशमुख को राज्य का गृह मंत्री बनाया गया कुछ साल बीते ही थे कि उन पर हर महीने 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगा और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि जहां भी कांग्रेस सत्ता में है वहां वह कुछ ना कुछ धन उगाही के लिए कार्य कर रही है।

गैरकानूनी कमाई की किताब खोल दी। दरअसल पूर्व सांसद वीएस उग्रप्पा और पार्टी के मीडिया प्रभारी एमए सलीम एक प्रेस कांफ्रेंस के लिए इकट्ठा हुए थे। प्रेस कांफ्रेंस चालू होने में समय था इसलिए दोनों नेता आपस में बात करने लगे लेकिन यहां उन्होने दो गलती की, पहली कि इस मीडिया वाले स्थान पर उन्होंने डी के शिवकुमार की काली कमाई की चर्चा शुरु कर दी और दूसरी कि उनका माइक चालू था जिस बात का ध्यान इन दोनों ही कांग्रेस नेताओं ने नहीं दिया जिससे यह सारी बातें मीडिया के पास रिकॉर्ड हो गयी। वीएम उग्रप्पा और एमए सलीम आपस में बात कर रहे थे कि ” डी के शिवकुमार शराब का सेवन करते हैं और मीटिंग में बोलते समय हकलाते हैं। शिवकुमार पर कमीशन लेने का आरोप लगाया गया है। सलीम ने कहा कि डी के शिवकुमार पहले 6-8 प्रतिशत की कमीशन लेते थे लेकिन अब वह 10-20 प्रतिशत का कमीशन लेते हैं। दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि अध्यक्ष (शिवकुमार) के सहयोगियों ने भी धन उगाही कर के करीब 100 करोड़ कमा लिया है। जनता को अनजाने में ही सही लेकिन दोनों नेताओं ने पूरी कहानी सुनाई, सलीम ने कहा कि, डीके के सहयोगी मुलगुंड ने ही जब 100 करोड़ कमा लिया है तो समझिए डीके शिवकुमार ने कितना कमाया होगा।

कांग्रेस का भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद से एक बार फिर वह दूसरे दलों के निशाने पर आ गये हैं। इसके साथ ही खुद पार्टी में भी हाहाकार मच गई है। पार्टी की तरफ से दोनों नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है साथ ही अहमद सलीम को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। उधर पार्टी की तरफ से इस पर सफाई जारी है और कहा जा रहा है कि यह कर्नाटक और महाराष्ट्र में जारी इनकम टैक्स की रेड को लेकर बीजेपी नेताओं में कैसी बातचीत चल रही है हम उसी पर बात कर रहे थे। उनकी यह बात सफाई कम और हास्यास्पद ज्यादा लग रही है। फिलहाल जिसे जो करना है वह करे लेकिन इन दोनों नेताओं ने डी के शिवकुमार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है जो जल्दी समाप्त नहीं होने वाली है।