हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
एक सच्ची, सामान्य लेकिन अजीब मानसिकता…

एक सच्ची, सामान्य लेकिन अजीब मानसिकता…

by पंकज जयस्वाल
in ट्रेंडींग, फिल्म, मनोरंजन, मीडिया, राजनीति
0
भारत में क्रिकेट, सिनेमा और राजनीति को कल्पना से परे प्यार किया जाता है।  समर्थकों या प्रशंसकों और सेलिब्रिटी के बीच भावनात्मक बंधन बहुत तीव्र है।  स्टारडम फॉलोअर्स, तथाकथित स्टार के भीतर  एक अलग तरह का एटीट्यूड बनाता है।  कुछ हस्तियां यह सोचने लगती हैं कि वे भूमि के कानून के अनुसार बनाए गए सभी नियमों और विनियमों से प्रतिरक्षित हो गए हैं, केवल आम लोगों को उनका पालन करने की आवश्यकता है और वे जो चाहें कर सकते हैं चाहे वह सही हो या गलत, सामाजिक या कानूनी रूप से।  समर्थक इतने भावनात्मक रूप से जुड़े हुए होते हैं कि वे अपने सितारों, नेताओं को उनके गलत कार्यो में भी समर्थन देते हैं। इसि वृत्ती के कारण, वे सरकारी और निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाते हैं, सड़कों पर हंगामा करते हैं, आर्थिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं और यहां तक ​​कि जांच एजेंसियों को भी निशाना बनाते हैं।  यह अजीब मानसिकता सरकारी तंत्र, एजेंसियों और समाज को राजनीतिक विच-हंट के नाम पर बनाए गए झूठे प्रचार के प्रति संवेदनशील व कमजोर बनाती है।
ताजा मामला फिल्मस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का है।  नशीली दवाओं के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने उसे और अन्य लोगो को गिरफ्तार किया है।  अगर वह निर्दोष है तो कोर्ट उसे बरी कर देगी।  हालांकि कुछ हस्तियां और राजनीतिक नेता इस मुद्दे को राजनीतिक बना कर इसमें धर्म ला रहे हैं, एनसीबी अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं और केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।  क्या वे एनसीबी अधिकारियों और न्यायिक व्यवस्था में विश्वास नहीं करते?
जब कोई राजनीतिक नेता कहता है कि उसे उसके धर्म के कारण निशाना बनाया जा रहा है, तो वे कितनी आसानी से विषय को मोड देते हैं और भूल जाते हैं कि गिरफ्तार किए गए कई अन्य लोग भी गैर-मुस्लिम हैं।  इससे पहले कई गैर-मुस्लिम हस्तियों से भी पूछताछ की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया।
 इसलिए, इस अजीब मानसिकता को सिर्फ इसलिए प्रदर्शित किया जाता है क्योंकि आरोपी या तो प्रसिद्ध परिवार, एक विशेष जाति, विशेष धर्म या राजनीतिक दल से संबंधित होता है।
कुछ हस्तियां और समर्थक कह रहे हैं कि वह सिर्फ 23 साल का बच्चा है। क्या हम अपने सैनिकों को इस छोटी सी उम्र में अपने कीमती जीवन का बलिदान करते हुए देखने के लिए अंधे हैं?  हम वीर भगत सिंह और कई अन्य युवा स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को कैसे भूल सकते हैं?  आजकल जब युवा अपने जीवन का आनंद लेते हैं, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारे देश को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आर्यन खान दोषी हैं, लेकिन नकारात्मक दबाव बनाने के लिए एजेंसियों और न्यायिक व्यवस्था को निशाना बनाना सही तरीका नहीं है।  कानून को अपना काम करने दें और सबूतों के आधार पर नतीजे तय करें।  सेलिब्रिटी का दर्जा कानून और व्यवस्था से ऊपर नहीं हो सकता।  भावनाओं को चैनलाइज़ करने की आवश्यकता है और कानूनी और सामाजिक ज्ञान पर आधारित सोच प्रबल होनी चाहिए।
मशहूर हस्तियों व नेताओ के गलत कामों को संरक्षण देने के लिए हम अपनी एजेंसियों और प्रणाली पर जितना अधिक संदेह करते हैं;  हम वास्तव में उन्हें उतना कमजोर बना रहे हैं। हमारी युवा पीढ़ी कई वर्षों से मादक द्रव्यों के खतरे का शिकार है, उन्हें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से नष्ट कर रही है।  जब हमारी युवा पीढ़ी को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और अभिनव, प्रतिभाशाली उद्यमी, शोधकर्ता, व्यवसाय और उद्योग उन्मुख होकर बदलाव लाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है।  तब , हमारे कई युवा ड्रग उद्योग की ओर आकर्षित हैं। मेहनत की कमाई पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के ड्रग माफियाओं के पास जाती है।  वे इस पैसे का उपयोग हमारे क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने, विरोध प्रदर्शनों को वित्तपोषित करने, हमारे युवाओं को नष्ट करने के लिए करते हैं।
राजनीतिक भ्रष्टाचार हमारे सामाजिक और आर्थिक विकास को बुरी तरह प्रभावित करने वाली सबसे बुरी चीज है।  कई राजनीतिक नेताओं की मानसिकता है कि भ्रष्टाचार स्वाभाविक है और उन्हें ऐसा करने का अधिकार है और किसी को भी उन पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।  जब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), आयकर विभाग, सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) उन पर और उनके रिश्तेदारों पर छापा मारते हैं, तो वे ठोस सबूतों के बाद भी किसी भी कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित दिखाने के लिए तुरंत मीडिया में एक बयान जारी करते हैं, वे विक्टिम कार्ड खेलते हैं।  उनके समर्थक बुद्धि का प्रयोग किए बिना सामाजिक अशांति पैदा करने लगते हैं। क्या यह सभी पहलुओं में उचित और सही है?  क्या हम अपने जीवन के एक हिस्से के रूप में अवैध कामो को सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने, अपने दुश्मनों को मजबूत करने, नई पीढ़ी में सिस्टम के खिलाफ विश्वास की कमी बोनें, एजेंसियों को असहाय और कमजोर बनाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं ताकि वे मशहूर हस्तियों, नेताओं के सामने आत्मसमर्पण कर दें और गलत कामों को नजरअंदाज कर दें?

भारत इस अजीब मानसिकता से बहुत पीड़ित है।  भ्रष्टाचार चरम पर है, ऐसे लोगों के लिए राष्ट्र कभी प्राथमिकता नहीं होता है, केवल स्वार्थी लाभ और परिवार अत्यंत महत्वपूर्ण होते है।  भोले-भाले भारतीय इस अजीब विचार प्रक्रिया में फंस जाते हैं और इतने निराशावादी हो जाते हैं कि अच्छे इरादों वाला और समाज और देश के लिए कड़ी मेहनत करने वाले व्यक्ति को भी वे संदेह की नजर से देखते है और भरोसा नहीं कर पाते।  कई निस्वार्थ संगठनों के साथ भी यही हो रहा है, लोग उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाते हैं, भले ही वे समाज और राष्ट्र के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हों। हमारे देश और संविधान से ऊपर कोई नहीं है, यह रवैया निश्चित रूप से लोगों के मन में बदलाव लाएगा।  अगर इस तरह के रवैये को पोषित किया जाता है, तो मशहूर हस्तियां, नेता एक आम भारतीय की तरह व्यवहार करेंगे और कार्य करेंगे।  इससे भ्रष्टाचार, नशीली दवाओं के खतरे, अवैध कार्यो पर काबू पाया जा सकेगा और दुश्मनों को कमजोर किया जा सकेगा।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: aryan khanbollywoodbribecorruptioncrickethindi vivekhindi vivek magazineindian mindsetindian politicsNCBpoliticsshahrukh khan

पंकज जयस्वाल

Next Post
ऐसी राजनीति चिंतित करती है

ऐसी राजनीति चिंतित करती है

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0