हिंदुत्व, विकास और जातिगत समीकरणों के सहारे भाजपा की रणनीति

उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 में होने वाले विधनसभा चुनावों के लिए सभी दलों ने अपने अपने तरकश के तीरों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है। जिसमें सपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित प्रदेश की राजनीति में उगे हुए  बहुत सारे छोटे -छोटे दलों भी अपनी भागीदारी व हिस्सेदारी दिखा रहे हैं । सभी विपक्षी दलों का लक्ष्य किसी न किसी प्रकार से बीजेपी को हरा कर उसे  सत्ता से हटाना है। समाजवादी पार्टी,  ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा व अन्य छोटे दलां का समर्थन जुटाकर बेहद आक्रामक रणनीति अपना रही है, वहीं बसपा अपनी नेत्री बहिन मायावती और कांग्रेस प्रितंका को सामने करके नये पैतरें दिखा रही है। भारतीय जनता पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव जीतना बेहद जरूरी है यह बात बीजेपी नेतृत्व भी समझ रहा है और यही कारण है कि अब बीजेपी ने भी यूपी चुनाव जीतने के लिए सभी  प्रकार के समीकरणों को धार देना प्रारम्भ कर दिया है। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हिंदुत्व, विकास व जातिगत समीकरणों को साधते हुए यह अभियान शुरू कर दिया गया है। बीजेपी की चुनावी तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं जिसका असर भी दिखायी देने लगा  है। भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के नारे को मजबूत करने के साथ ही जातिगत समीकरणों को भी मजबूत करने के लिए सम्मेलन कर रही है और इन सम्मलेनों में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहत सभी मंत्रीगण भाग ले रहे हैं और सभी जातियों  के लिए बड़े ऐलान भी कर रहे हैं। भाजपा नेताओ की ओर से विरोधी दलों पर तीखे वार हो रहे हैं। साथ ही आगामी चुनावों में जीत के लिए सरकार की ओर से भी कई योजनाओं का लगातार ऐलान किया जा रहा हैं। दूसरे दलों के कई नेता बीजेपी में लगातार शामिल हो रहे है।
गठबंधन की राजनीति का समय  चल रहा है। यही कारण है कि सात छोटे दलों के गठबंधन हिस्सेदारी मोर्चा से भाजपा की बात बन गयी है और इन सभी दलों  ने भाजपा को पूर्ण सहयोग देने का ऐलान किया है और बहुत जल्द ही सीटों का बंटवारा भी हो जायेगा। भाजपा का निषाद पार्टी के साथ पहले ही समझौता हो चुका है तथा अभी भी कुछ और दलों से बातचीत लगातार चल रही है। जिस समय मऊ में सपा और सुभासपा का गठबंधन तय हो रहा था ठीक उसी समय लखनऊ में भारतीय मानव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केवट रामधनी बिंद, मुसहर आंदोलन मंच (गरीब पार्टी ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रमा वनवासी , शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबालाल राजभर, मानव हित पार्टी के कृष्ण गोपाल सिंह ने भाजपा को समर्थन करने की घोषणा की है। वहीं भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भीम राजभर, पृथ्वीराज जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चद सिंह चौहान , भारतीय समता समाज पार्टी  के महेंद्र प्रजापति और प्रगतिषील समाज के इंजीनियर सुनील कुमार कुशवाहा भी बीजेपी के साथ हो लिये है। यह सभी दल व इनके नेताओं का अपनी जातियों में काफी प्रभाव है ओैर इस प्रकार से एकजुट होने से भाजपा को मजबूती तो अवश्य  ही मिलेगी और पिछड़ी जातियों में बीजेपी का प्रभाव भी और बढ़ेगा।
राजनैतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि प्रदेश में इन जातियों का वोट प्रतिशत 45 से 52 प्रतिशत तक है और बीजेपी का सारा ध्यान अपने इसी वोटबैंक पर है जिसे वह और अधिक मजबूत करना चाह रही है। जब यह दल बीजेपी का सहयोग करने का ऐलान कर रहे थे उस समय प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा ने कभी राजभर समाज का सम्मान व हित नहीं किया । सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर  के साथ गठबंधन का सपा को कोई लाभ नहीं होगा।
भाजपा प्रदेश में लगातार सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन कर रही है। जिसमें हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और धार्मिक  व ऐतिहासिक प्रतीकों  के साथ विरोधी दलों पर तीखे हमले भी बोले जा रहे हैं। बीजेपी नेताओं  का सम्मेलनों में कहना है कि आगामी चुनावों में भाजपा 60 फीसद वोट प्राप्त करेगी और अन्य दल 40 के अंदर ही रहेंगें जिसमें भी बीजेपी की हिस्सेदारी रहेगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रतिदिन विभिन्न  जातियों  के सम्मेलनों को संबोधित  कर रहे हैं और उनमें हिंदुत्व की भावना जगाने के साथ ही उनके प्रमुख स्थलों व स्मारकों  प्रतीकों के विकास का भी ऐलान कर रहे है। वह दलित समाज के संतों को भी याद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बघेल व सोनकर समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली सरकारों में विशेषकर सपा सरकार में दलितों पर झूठे मुकदमें दर्ज कर उन्हें फंसाया जाता था । दलितों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाने लोग दलितों के हितैषी कैसे हो सकते हैं। प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दलित, वंचित, शोषित और आदिवासी वर्ग को बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है। उन्होंने विरोधी दलों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सपा शासन में अयोध्या में आतंकी हमला करने वाले आतंकियों पर दर्ज मुकदमे भी वापस ले लिये जाते थे।
इतना ही नहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार जिलों के दौरे कर रहे हैं और विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी कर रहे हैं। वह उन जिलों व क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं जहां पर भाजपा अभी तक विजयी नही हो पायी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने हारी हुई 84 सीटों की कमान संभाल ली है। मिशन -2022 के लिए “सौ दिन -सौ काम” का अभियान भी चल रहा है। एक -एक दिन की रूपरेखा बनाकर  अभियान लगातार चलाया जा रहा है।
 प्रदेश भाजपा व सरकार पूरी सतर्कता व आक्रामकता के साथ चुनावी मैदान में अपनी रणनीति सजा रही है। अपनी कमियों व समाज में जहां भी नाराजगी का वातावरण है उसे दूर करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों को लुभाने के आकर्षक ऐलान किये जा रहे हैं और अभी कई योजनाओं पर काम चल रहा है। युवाओं को लुभाने के लिए स्नातक और परास्नातक छात्रों को लैपटाप व स्मार्टफोन देने का ऐलान किया गया है जिससे 60 लाख से अधिक छात्र- छात्राओें को लाभ होगा।
जातिगत समीकरण सुधारने के साथ ही प्रदेश सरकार व बीजेपी संगठन ने अब किसान आंदोलन की धार को कुंद करने के लिए भी कमर कस ली है। अब नवंबर माह में दीपावली के बाद भाजपा सभी जिलों में किसान टैक्ट्रर रैली निकालेगी और 10 नवंबर तक पचास लाख किसानों के बीच किसान चौपाल भी लगायी जायेंगी। किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर  जिले में सरकार की किसान कल्याण योजनाओं के प्रचार -प्रसार के साथ कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे  संगठनो का पर्दाफाश भी करने जा रहे हैं। इन सम्मेलनों में किसान हित में लिये गये व लिये जा रहे विभिन्न निर्णयो की जानकारी दी जायेगी। एक प्रकार से भाजपा -2022 के लिए भी 2019 व 2017 की तर्ज पर ही अपनी योजना बना रही है। भाजपा की रणनीति को और धार देने के लिए केंद्रीय नेतृत्व का तूफानी दौरा भी शुरू होने जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह बीजेपी की चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देंगे और उनकी उपस्थिति में ही अब तक का सबसे बड़ा सदस्यता अभियान भी शुरू हुआ  है जिससे बीजेपी का जनाधार कुछऔर  बढ़ेगा। भाजपा संगठन व सरकार के स्तर पर अपने जनाधर को बढ़ाने के लिए कई अन्य  कदम भी उठा सकती है।
प्रदेश में राष्ट्रविरोघी गतिविधियो में शामिल तत्वों  के खिलाफ लगातार एक्शन  जारी है। अभी टी -20 विश्व  कप में भारत की पाकिस्तान के हाथों हुई शर्मनाक पराजय के बाद प्रदेश के कई स्थानों में  पाकिस्तान के समर्थन में पटाखे छोड़े गये थे और नारेबाजी भी की गयी थी ऐसे शरारती तत्वों की पहचान कर सरकार की ओर से देशद्रोही कानून के तहत सजा देने का ऐलान किया गया है। पाकिस्तान की जीत का समर्थन करने वाले तीन कश्मीरी  छात्रों को  आगरा से गिरफ्तार किया गया है सीतापुर से भी एक व्यक्ति को पकडा गया है और आगामी चुनावों में भी यह मुददा जोर शोर से उठ सकता है। एक प्रकार से कठिन चुनौतियों के बीच कड़ी मेहनत के बल पर तथा सेवा और  समर्पण के संकल्प व  अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर, अयोध्या, मथुरा, काशी व विंध्य धाम के विकास कार्यो के सहारे और प्रतिवर्ष  अयोध्या में आयोजित किये जाने वाले  भव्य दीपोत्सव के साथ  भाजपा सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही है। भाजपा का कहना है कि जिनके पूर्वज कभी मंदिर नहीं गये वह आज राम मंदिर में मत्था टेक रहे हैं। सपा ने पहले कांग्रेस व फिर बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन 2014 के बाद 2017 में जनता ने उन्हें नकार दिया वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 51 फीसद मत मिले थे। भाजपा का मत है कि 2022 का चुनाव बहुत ही ऐतिहासिक होगा।

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