हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा का महत्व

by हिंदी विवेक
in अध्यात्म, ट्रेंडींग, संस्कृति, सामाजिक
0

*यह पूर्णरूप से प्रकृति की पूजा है, जिस प्रकृति से हम सबका जीवन चलता है।

*वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित पूरे संसार में ऊर्जा के स्रोत भगवान भास्कर की आराधना की जाती है।

*उगते सूर्य की पूजा तो सब करते है, इस पर्व में डूबते सूर्य की भी पूजा की जाती है।

*यह पर्व किसी भी जाति व सम्प्रदाय के बंधन से मुक्त है। इसे हर कोई कर सकता है। अब मुस्लिम भक्त भी इस पर्व को करते है।

*यह सामाजिक सहजीविता का अनुपम उदाहरण है। इसमें प्रयुक्त होने वाले कुछ वस्तु डोम यानि दलित के घर से भी आते है।

*इसमें अमीर-गरीब, स्त्री-पुरुष, बच्चे-बूढ़े , ऊंच-नीच किसी का भेद नहीं है।

*छठी मैया की पूजा प्रकृति में उपलब्ध सामान्य वस्तु केला, नींबू, बैगन, मूली, गन्ना, फल, गुड़ व दूध से बनी वस्तुओं से होती है। कोई कीमती चढ़ावा नहीं।

*स्वच्छता व पवित्रता का सबसे अधिक ध्यान रखा जाता है।

*इसमें किसी पंडित – पुरोहित या किसी तंत्र-मंत्र की जरूरत नहीं है।

*इसमें भक्त व भगवान के बीच सीधा संवाद है,- आत्मा से परमात्मा का सीधा सम्पर्क बिना किसी के मदद के। यह पवित्र मन से पूर्ण समर्पण का पर्व है।

इस पर्व को 70 साल तक उम्र के लोग करते है। करीब 3 दिन का निर्जला उपवास के बाद सुबह 4 बजे से भींगे बदन ठंडे पानी में ठंड के मौसम में करीब 2 घण्टे पानी में खड़े होकर भगवान सूर्यदेव व छठी मैया की आराधना करते है, लेकिन आज तक कहीं किसी के भी सर्दी-जुकाम तक होने की शिकायत नहीं मिली।

यह है छठी मैया व सूर्य देव के पूजा का महत्व। साक्षात प्रमाण है इनके शक्ति का।  छठी मैया आप सब का कल्याण करें और आप सब भी इस पावन पर्व में जरूर शामिल हो, इस पूजा की शुरुआत करें अगर अब तक नहीं करते है तो।

जय छठी मैया। ॐ भास्कराय नमः।

 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: cchath pujacchathi maiyyahindi vivekhindi vivek magazinehindu culturehindu festivalhindu traditionssuryatradition

हिंदी विवेक

Next Post
आखिर क्यों बढ़ रही खुदकुशी की दर!

आखिर क्यों बढ़ रही खुदकुशी की दर!

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0