सूर्योदय से चार घड़ी पूर्व यानी करीब डेढ़ घंटे पहले का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है और हिन्दू धर्म में नींद त्यागने के लिए यह समय सबसे उपयुक्त समय बताया गया है। ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह करीब 4 से 5.30 तक का समय जब सभी को नींद त्यागनी चाहिए और अपने निजी कामों की शुरुआत करनी चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में जागने से तन और मन दोनों ही तंदुरुस्त होता है और आप आजीवन निरोगी रह सकते हैं। आदिकाल से यह लोगों की दिनचर्या में था लेकिन बदलते जीवन परिवेश में यह करीब करीब खत्म हो चुका है और अब सभी के सोने, जागने, खाने-पीने का समय बदल चुका है। शायद इसलिए ही लोगों की उम्र तेजी से कम होती जा रही है। इस बात का ज्ञान सभी को है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने से जीवन सुखमय हो सकता है लेकिन देरी से सोने की आदत की वजह से सुबह का उठना बिल्कुल मुश्किल हो जाता है।
हमारे बचपन के दिनों में यह कहा जाता था कि सुबह उठकर पढने से अधिक याद होता है क्योंकि उस समय दिमाग शांत होता है और उसमें कुछ और विचार नहीं होता है दरअसल वह इसलिए ही कहा जाता था क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त में कोई भी काम अधिक प्रभावशाली होता है। इस समय आप अध्ययन, वंदना या फिर पूजा अधिक मन से कर सकते हैं। पहले के ऋषि-मुनि इस समय ही पूजा-पाठ का काम करते थे। सनातन धर्म की किसी भी पुस्तक को पढ़ने से यह पता चलता है कि यह सबसे उपयुक्त समय होता था इस समय उठने से आप की उम्र भी लंबी होगी और आप हमेशा निरोगी रहेंगे।
हम सभी को अपने लिए भी जीना चाहिए जबकि यह बहुत कम लोग ही करते हैं। अगर आप किसी से यह सवाल करें कि क्या आप खुद के लिए भी जीते हैं तो शायद अधिकतर लोगों का जवाब ‘ना’ होगा। ब्रह्म मुहूर्त में जगने वालों के लिए यह भी एक फायदा था कि वह इस समय को अपने लिए जी लेते थे जबकि पूरा दिन परिवार और समाज के लिए होता था। हर व्यक्ति को खुद के लिए भी जीना चाहिए क्योंकि अगर आप खुद से प्यार नहीं करते हैं तो आप का जीवन एक दिन निराशा की अवस्था में चला जायेगा और यह जीवन फिर आप को ही बोझ लगने लगेगा। इसलिए सभी को खुद से प्यार करना चाहिए और खुद के लिए जीना चाहिए। इस बात पर कभी भी गौर करने की जरुरत नहीं होती है कि आप की उम्र क्या है? आप जिस भी उम्र में हैं आप को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए और खुद के लिए समय निकालना चाहिए।
वैसे तो ब्रह्म मुहूर्त हर तरह से लाभदायक है लेकिन शोध के दौरान पता चला है कि ब्रह्म मुहूर्त में ऑक्सीजन का एक अलग प्रकार पाया जाता है जिसे नवजात ऑक्सीजन कहते हैं। यह शरीर के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है क्योंकि यह आसानी से हमारे खून में घुल जाता है और हमें तमाम तरह के रोगों से बचाता है। भोर में उठने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, दर्द, खराश और ऐंठन से राहत मिलती है। इस तरह से कई लाभ हमारे शरीर को मिलते हैं। इस समय आप ध्यान भी कर सकते हैं जब पूरी दुनिया सो रही होती है तो आप के पास सबसे उपयुक्त समय होता है खुद से मिलने का, ब्रह्म मुहूर्त में आप ज्ञान की बातें सुनें या पढ़ें यह भी आप के लिए बहुत लाभदायक होगा। धर्मशास्त्र के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में किया गया शास्त्रों का अध्ययन मानसिक समस्याओं को भी कम करता है। ब्रह्म मुहूर्त में आप खुद के द्वारा किये गये कार्यों का चिंतन कर सकते हैं और अपनी नकारात्मक विचारों को त्याग सकते हैं।
कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त वह समय है जिसमें एक व्यक्ति खुद को हर स्तर पर निखार सकता है। इस समय आप अपने नकारात्मक विचारों को भी खत्म कर सकते हैं। ब्रह्म का अर्थ है ज्ञान और मुहूर्त का अर्थ है समय। ब्रह्म मुहूर्त का शाब्दिक अर्थ है ‘ज्ञान का समय’ ब्रह्म मुहूर्त ज्ञान के लिए सबसे उपयुक्त समय है।