हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
ग्रामीण विकास के सहारे ही बनेगी ५ ट्रिलियन इकोनॉमी

ग्रामीण विकास के सहारे ही बनेगी ५ ट्रिलियन इकोनॉमी

by हिंदी विवेक
in आर्थिक, उद्योग, कृषि, ट्रेंडींग, देश-विदेश, मीडिया, युवा, राजनीति, विशेष, सामाजिक
0

आज विश्व के लगभग सभी विकसित एवं विकासशील देश आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। इन समस्त अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर एक चमकते सितारे के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार तेज गति से हो रहे सुधार के चलते आज भारत का नाम पूरे विश्व में बड़े ही आदर और विश्वास के साथ लिया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक फण्ड एवं विश्व बैंक जैसी वित्तीय संस्थाएं भी भारतीय अर्थव्यवस्था में अपनी अपार श्रद्धा जता चुकी हैं। इन वित्तीय संस्थानों का कहना है कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास बहुत ही मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए 6 विकास सूचक  उच्च मानक वाले माने जाते हैं। इन विकास सूचकों में शामिल हैं – ट्रैक्टर एवं दोपहिया वाहनों की बिक्री में वृद्धि, उर्वरकों की बिक्री में वृद्धि, कृषि क्षेत्र में बैकों द्वारा प्रदान की जाने वाली ऋणराशि में वृद्धि, मनरेगा योजना के अंतर्गत रोजगार की मांग में वृद्धि, कृषि और कृषि आधारित उत्पादों के निर्यात में वृद्धि और चावल एवं गेहूं का भंडारण करने की स्थिति (बफर मानक पर आधारित)। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहिले 6 माह के दौरान उक्त समस्त उच्च मानकों में वृद्धि दर बहुत अधिक रही है। जनवरी से सितम्बर 2022 की अवधि के दौरान 5.16 लाख ट्रैक्टर भारत में बेचे गए हैं। सितम्बर 2022 माह में ही कुल 53,310 ट्रैक्टर भारत में बिके हैं। इस मानक के अनुसार भारत के ग्रामीण इलाकों में खुशहाली आ रही है। इसी प्रकार, अप्रेल से सितम्बर 2022 की अवधि के दौरान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं के निर्यात में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है तथा इसी अवधि के दौरान प्रसंस्कृत फलों और सब्ज़ियों के निर्यात में 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। चालू वित्त वर्ष के पहिले छह माह में कृषि क्षेत्र में कुल निर्यात 1377.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रहा है, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कुल कृषि निर्यात का लक्ष्य 2356 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निर्धारित किया गया है। इसी अवधि में दलहन के निर्यात में सबसे अधिक 144 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उक्त वर्णित समस्त मानकों के अंतर्गत भारत के ग्रामीण इलाकों में तेज गति से हो रही वृद्धि दर को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार भारत की 74 प्रतिशत आबादी गावों में निवास करती थी और गावों की आबादी का दो तिहाई हिस्सा सीधे ही कृषि कार्यों से जुड़ा था। भारत के कृषि क्षेत्र में होने वाले कुल कार्य में से 96 प्रतिशत कार्य ग्रामीण इलाकों में ही होता है। भारत के विभिन्न राज्यों में आज भी 60 से 80 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए सीधे ही कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। हालांकि हाल ही के समय में ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले नागरिकों के लिए कृषि के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों जैसे सेवा एवं विनिर्माण के क्षेत्रों में भी रोजगार के बहुत अवसर निर्मित होने लगे हैं। ग्रामीण इलाकों में निवास कर रहे किसानों में 72 प्रतिशत किसान सीमांत किसानों की श्रेणी में आते हैं। इस वर्ग के लिए कृषि क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर निर्मित करने के प्रयास किए जा रहे हैं और इस कार्य में सफलता भी मिलती दिखाई दे रही है। आज भारत में  विनिर्माण के क्षेत्र में, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयों में, हो रही समस्त गतिविधियों में से लगभग 40 से 50 प्रतिशत गतिविधियां ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही हैं एवं सेवा क्षेत्र में हो रही कुल गतिविधियों में से लगभग 30 प्रतिशत गतिविधियां ग्रामीण इलाकों में चल रही हैं। ग्रामीण इलाकों में निवास कर रहे नागरिकों के लिए स्वयं सहायता समूह भी विकसित किए गए हैं और रोजगार के अधिकतम नए अवसर अब गैर कृषि आधारित क्षेत्रों में निर्मित हो रहे हैं।

भारत में शहरी एवं ग्रामीण इलाकों के बीच अब डिजिटल विभाजन भी बहुत कम हो गया है। भारत के ग्रामीण इलाकों में भी अब इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हो गई है। इससे सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले संस्थानों को बहुत आसानी हो रही है और वे अपने कॉल सेंटर ग्रामीण इलाकों में स्थापित करने लगे हैं क्योंकि एक तो भारत का 70 प्रतिशत वर्क फोर्स ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध है, दूसरे ग्रामीण इलाकों में कॉल सेंटर स्थापित करना तुलनात्मक रूप से कम खर्चीला रहता है और इससे इन संस्थानों की लाभप्रदता बढ़ जाती है।

एपेडा द्वारा जारी की गई एक जानकारी के अनुसार भारत से इस वर्ष अभी तक  कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं का निर्यात 25 प्रतिशत बढ़ा है। ग्रामीण इलाकों में निवास कर रहे नागरिक अब केवल खेती करके फसल ही नहीं उगा रहे हैं बल्कि कृषि पदार्थों को प्रसंस्कृत कर खाद्य पदार्थों के रूप में भी बेच रहे हैं। पहिले ग्रामीण इलाकों से कृषकों को अपनी फसल बेचने के लिए गांव से शहर तक आने में 6 से 7 घंटे लग जाते थे अब केवल 20 से 25 मिनट में ही अपने गांव से शहर तक पहुंच जाते हैं क्योंकि प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 70 प्रतिशत से अधिक गावों को शहरों से पक्के रोड के माध्यम से जोड़ा जा चुका है। देश में 6 लाख से अधिक गांव हैं। इसका लाभ सीधे सीधे ही किसानों को मिला है और देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत हुई हैं।

एक अनुमान के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने के लिए सेवा क्षेत्र का योगदान 3 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का होगा, उद्योग क्षेत्र का योगदान एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का होगा एवं शेष एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का योगदान कृषि क्षेत्र से आएगा। भारत की राष्ट्रीय आय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की 46 प्रतिशत की भागीदारी है और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान लगातार बढ़ रहा है। आज भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान बढ़कर 20 प्रतिशत से अधिक हो गया है जबकि अभी भी गावों में निवासरत कुल आबादी का दो तिहाई हिस्सा कृषि कार्यों से जुड़ा है।

इसी प्रकार हाल ही के समय में भारत में ग्रामीण पर्यटन भी तेज गति से बढ़ रहा है क्योंकि भारत के शहरों में पर्यावरण की स्थिति दिनोंदिन बहुत बिगड़ती जा रही है एवं भारत के ग्रामीण इलाकों में पर्याप्त हरियाली के चलते साफ हवा उपलब्ध है। इसलिए ऑक्सिजन ग्रहण करने के उद्देश्य से कई भारतीय अब ग्रामों की ओर रूख कर रहे हैं। विशेष रूप से जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, ओडिसा एवं केरला जैसे प्रदेशों में ग्रामीण पर्यटन तेजी से प्रगति कर रहा है। भारत में सांस्कृतिक पर्यटन विकसित करने की भी अच्छी सम्भावनाएं मौजूद हैं, अतः इस क्षेत्र में भी केंद्र सरकार एवं कई राज्य सरकारों द्वारा कार्य किया जा रहा है। इस क्षेत्र में नीति आयोग भी अपनी सक्रिय भूमिका अदा कर रहा है।

भारत में आज ग्रामीण इलाकों में निवास कर रहे नागरिकों की आय में लगातार अच्छी वृद्धि दृष्टिगोचर है। इससे भारत के ग्रामीण इलाके आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित होते जा रहे हैं। कई कम्पनियां अब अपने उत्पादों के 10/20 ग्राम की पैकिंग के छोटे छोटे पैक ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध करा रही हैं इससे उनके द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री में अतुलनीय सुधार देखने में आ रहा है। उदाहरण के लिए, शेम्पु के छोटे पेकेट जिन्हें केवल एक बार उपयोग करके समाप्त किया जा सकता है, ग्रामों में बहुत ही सस्ती दरों पर एफएमजीसी कम्पनियों द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है, इससे इस तरह के उत्पादों की मांग ग्रामीण इलाकों में बहुत बढ़ गई है और इस तरह से एफएमजीसी कम्पनियों को गावों के रूप में एक विशाल नया बाजार उपलब्ध हो गया है।

मनरेगा योजना के अंतर्गत भी ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं एवं इससे गावों में निवास कर रहे नागरिक बहुत मजबूत हुए हैं। जनधन योजना के अंतर्गत गावों में निवास कर रहे नागरिक बैंकों से जुड़ गए हैं। इससे बैकों से ऋणों की मांग भी बढ़ी है। उज्जवला योजना को लागू किए जाने से सबसे अधिक लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिला है। ग्रामीण इलाकों में लकड़ियों की कटाई कम हुई है। ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। कुल मिलाकर यह भी कहा जा सकता है कि आज शहरी एवं ग्रामीण इलाकों के बीच विघटन खत्म हो रहा है क्योंक अब ग्रामीण इलाकों में भी सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध होती जा रही हैं अतः निकट भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन भी कम होता दिखाई देने लगेगा।

-प्रहलाद सबनानी

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp

हिंदी विवेक

Next Post
उत्तर प्रदेश : पर्यटन से लगेंगे विकास के पंख

उत्तर प्रदेश : पर्यटन से लगेंगे विकास के पंख

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0