सूर्या फाऊंडेशन द्वारा प्राकृतिक जैविक किसान सम्मेलन

 

सूर्या फाउंडेशन, नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र, गाज़ियाबाद के संयुक्त तत्वावधान में सूर्या साधना स्थली, झिंझौली (सोनीपत, हरियाणा) पर प्राकृतिक एवं जैविक किसान सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें दिल्ली एवं हरियाणा के लगभग 700 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कार्यक्रम की भूरी – भूरी प्रशंसा की एवं राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कृषि क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सोनीपत क्षेत्र में 12000 करोड़ की लागत से बन रही सबसे बड़ी मंडी की भी सूचना किसानों को दी।

खेती में बढ़ती रासायनिक खाद के उपयोग से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याएं आज की प्रमुख समस्याओं में से एक है। अधिक उत्पादन की दौड़ में अंधाधुंध रसायनिक खादों के प्रयोग से आज मिट्टी दूषित हो गई है। और उन विकृतियों का परिणाम आज हमें खाद्य पदार्थों में दिखता है। खराब होती मृदा पर्यावरण के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रही है। इसके निवारण हेतु आवश्यकता है प्राकृतिक एवं जैविक कृषि की। इस सम्मेलन में आए सभी संबंधित अधिकारियों ने किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीकों को सिखाया।

अच्छे प्रयासों के उदाहरण को किसान स्वयं देख सके उसके लिए लगभग 30 स्टॉल लगाए। जिसमें जैविक उत्पाद, ड्रोन, आधुनिक मशीनें, उन्नत भारतीय नस्लों (गिर, थारपारकर, मुर्रा) के bull आदि प्रदर्शित किए गए।

सूर्या फाउंडेशन का लक्ष्य है “उन्नत खेती, समृद्ध किसान”

कार्यक्रम में मुख्य रूप से मोहन लाल बड़ौली विधायक राई विधानसभा, राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केन्द्र के निदेशक डॉक्टर गगनेश शर्मा, राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉक्टर धीर सिंह, केंद्रीय गौवंश अनुसंधान संस्थान के निदेशक ए. के. मोहंती, पवन शर्मा उपकृषि निदेशक, सोनीपत, सूर्या फाउंडेशन के सीनियर वाइस चेयरमैन ब्रिगेडियर डी. सी. पंत, वाइस चेयरमैन मुकेश त्रिपाठी, हेमंत शर्मा सहित विभिन्न कृषि एवं पशु वैज्ञानिक की सहभागिता रही।

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