जित गांव तित मुहावरा

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 मनुष्य को स्वर-ज्ञान प्रकृति से मिला, स्वरों से वाणी ने आकार लिया, फिर अक्षर एवं शब्द बने और वाक्य तथा भाषा को आज का रूप मिलता गया| भाषा को जैसा-जैसा नियमित रूप मिलता गया, मुहावरें भी अपने लक्षणा एवं व्यंजना के गुणों के कारण दृढ़ होते गए| इसके केंद्र में जनसाधारण था| इसलिए बोली में मुहावरें पनपे, आज भी हैं और इसकी ऊर्जा-स्थली निश्‍चित रूप से गांव थी और आज भी है| वहीं से कूदते-फांदेते ये शहरों/महानगरों एवं आज की लिखित भाषा में अपना वजूद बनाए हुए हैं|

काट और प्रति-काट की रणनीति

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भारत के परम्परागत मित्र सोवियत संघ के बिरखने और वैश्विक स्तर पर रूस के कमजोर होने से जो एक रिक्तता पैदा हुई थी उसे हाल के अमेरिकी रक्षा समझौते ने भर दिया है। इससे अब दोनों देश एक-दूसरे के फौजी अड्डों का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस तरह दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन की स्थिति पैदा हो गई है। पाकिस्तान और चीन साजिशों की काट के रूप में इसे देखा जाना चाहिए। इस बात का समर्थन अन्य देशों के साथ हुए रक्षा समझौतों से भी हो जाता है।

पानी पाने का कानूनी अधिकार

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हाल में जारी ‘राष्ट्रीय जल ढांचा विधेयक 2013’ के प्रारूप में पहली बार सामान्य व्यक्ति को पानी पाने का कानूनी अधिकार दिया गया है। प्रारूप में गरीब तबके, अनुसूचित जातियों/जनजातियों, महिलाओं तथा अन्य कमजोर वर्गों को जल विकास की इस प्रक्रिया में शामिल करने का प्रावधान है। इसमें जनसहयोग से जल उपयोग, संरक्षण एवं संवर्धन पर अधिक बल दिया गया है। सबका साथ, सबका विकास!

सूचना निरसन का अधिकार

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सूचना अधिकार बीसवीं सदी की देन है, तो सूचना निरसन अधिकार इक्कीसवीं सदी की देन मानने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए। स्पेन व यूरोप से चली यह आंधी भारत तक पहुंच चुकी है और पिछली मई में दिल्ली उच्च न्यायालय में ऐसा एक मामला दायर हो चुका है। इस मामले में गुगल, ‘इंडियन कानून’ वेबसाइट व केंद्र सरकार को समन जारी किया गया हे। अगली सुनवाई 21 सितम्बर को है।

आर्थिक रहस्यकथा

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‘पनामा पेपर्स’ 40 वर्षों की आर्थिक रहस्यकथा बयां करती है और जितनी परतें खोलो उतनी और खुलती जाती हैं। वैश्विक स्तर पर इतना विशाल और ऐतिहासिक भंड़ाफोड़ करने का मीडिया ने साहस तो किया है, लेकिन उसकी फलश्रुति का कोई अंदाजा नहीं है। जांच की जुगाली इतनी लम्बी चलेगी कि लोग भूल ही जाएंगे कि कहीं कुछ हुआ था। बोफोर्स लोग भूल गए कि नहीं?

खाड़ी देशों में नौकरियों का संकट

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खाड़ी देशों में तेल के दामों में बेहद मंदी के कारण नौकरियों पर संकट आ गया है। कई लोगों को नौकरी से अचानक हटा दिया गया है, क्षण में वे बेरोजगार हो गए हैं और उन्हें भारत लौटना पड़ रहा है। यह अब चुनिंदा मामलों में हो रहा है और इसकी मीडिया में केवल यदा-कदा ही चर्चा हो रही है। खाड़ी में खूब पैसा कमाकर भारत में अपने को संवारने के सपने देखने वाले कर्मचारियों को सतर्क होने की जरूरत है।

पूर्वोत्तर की आस्थाएं

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भारत के सुदूर पूर्व में होने से उसे पूर्वोत्तर कहा जाता है।  इनमें से हर राज्य के किसी एकाध कबीले के आध्यात्मिक चिंतन पर भी गौर करें तो पता चलेगा कि पूरा भारत वर्ष किस तरह एक सूत्र में बंधा था।  

 मरहबा मोदी

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प्रधान मंत्री मोदी की अगस्त की यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) यात्रा से अरब जगत इतना मोहित हो गया कि ‘अल-खलीज़ के प्रधान सम्पादक हबीब अल सायेग ने भावावेश में लिखा कि, इस यात्रा ने भूत, वर्तमान और भविष्य का ऐसा स्वर्णिम पृष्

 साहूकार का फंदा

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छले कुछ महीनों से यूनान के वित्तीय संकट ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को गहरे झटके दिए हैं। खासकर, यूरोप की अर्थव्यवस्था में ये आघात महसूस किए गए। यह संकट भले ही यूनान के लिए परेशानी का सबब हो, लेकिन इससे यूरोप की अर्थव्यवस्था पर विश

यमन में भारत का ‘आपरेशन राहत’

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मीडिया को चटपटी व नकारात्मक खबरों कीइतनी आदत लग चुकी है; किसी सकारात्मक घटना में भी मीन मेख निकाली जाती है और इस मीन मेख पर ही कितने तो दिनों तक विशेषज्ञ कहे जाने वाले वही-वही चेहरे न जाने कहॉं से दूर की कौड़ी खोज लाते हैं। कभी-कभी तो मूल मुद्दा ही छितर जाता है।

जनाधार को व्यापकबनाने की चुनौती

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दिल्ली विधान सभा के चुनाव भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए राजनीतिक सुनामी साबित हुए हैं। दोनों राष्ट्रीय दलों की हालत इतनी पतली होगी कि कांग्रेस का कोई नामलेवा भी नहीं बचेगा और भाजपा को उंगली पर सीटें गिननी पड़ेगी इसकी शायद किसी ने कल

सायबर आतंकवाद

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आतंकवादियों के हाथों में ‘डिजीटल अस्त्र’ सब से सस्ता अस्त्र है। इसके लिए कोई निवेश नहीं करना पड़ता, कारखाना नहीं लगाना पड़ता, मारकाट नहीं करनी पड़ती, क्षण में प्रचंड मनोवैज्ञानिक दबाव लाया जा सकता है, यह अस्त्र कहीं से भी कहीं पर भी चलाया जा सकता है, और चलाने वाले का पता तक नहीं चलता। इसे आप ‘सूचनास्त्र’ भी कह सकते हैं; क्योंकि यह जानकारी पर हमला कर उसे तहस-नहस कर देता है।

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