चीन की पानी डकैती

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चीन तिब्बत में झांगबो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर बांधों की शृंखला बना रहा है। अब जो नया विशालतम और बेहद खर्चीला बांध बन रहा है वह भारत-भूटान सीमा के पास तिब्बत के संगरा जिले में होगा। इस बांध का पानी उत्तर-पश्चिम में मोड़कर शिंजियांग प्रांत के तकलीमाकन रेगिस्तान तक पहुंचाया जाएगा। चीन की इस पानी डकैती का पूर्वोत्तर भारत पर गहरा असर पड़ने वाला है। भविष्य में जलयुद्ध का यह आगाज मानने में क्या हर्ज है? ‘ब्रह्मपुत्र’ नाम से हम सब परिचित हैं। उसी का तिब्बती नाम है यार्लंग झांगबो। तिब्बती में ‘झांग

धर्म और राजधर्म

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मानव सभ्यता के विकास के साथ ही धर्म और राजनीति एक-दूसरे के हाथ में हाथ डाले चल रही है। दोनों में संघर्ष भी शाश्वत है। धर्म बड़ा या राजनीति? राजनीति का माने राज्य की नीति या महज जोड़-तो़ड़ या कुटिलता? धर्म और राजधर्म का क्या अर्थ है? प्रस्तुत है विश्व भर के प्रमुख धर्मों के मुख्य सूत्रों और राजनीति पर प्रभाव का यह विहंगम अवलोकन।धर्म और राजनीति का चोली-दामन का सम्बंध है। धर्म का अर्थ महज कर्मकाण्ड नहीं है, अपितु वह नैतिकता का अधिष्ठान है। धर्म का अर्थ है आचार-व्यवहार, सदाचार की स्थापना, व्यक्ति और समाज के बीच एक

पटना टु गांधीनगर

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  समग्र देश में सत्ता हासिल करने की भाजपा की दौड़ पटना होते हुए गांधीनगर तक पहुंची है। बिहार में नीतीश कुमार के साथ वह फिर काबिज है; जबकि गुजरात में राज्यसभा की तीसरी सीट दो कांग्रेसी विधायकों की बेवकूफी के कारण वह हार गई। चुनावों में हारजीत तो न

पूर्वी हिमालय में भी ड्रैगन की साजिश

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डोकलाम में भारतीय व चीन सेनाएं भले ही आमने-सामने हो; लेकिन १९६२ को अब दोहराया नहीं जा सकता। वैश्विक परिदृश्य इतना बदल चुका है कि चीनियों की भौगोलिक और आर्थिक विस्तारवादी नीतियों के प्रति महाशक्तियों के कान खड़े हो चुके हैं। पूरे हिमालय में पश्चिम से लेकर प

खाड़ी में एक और गंभीर संकट

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  सऊदी अरब के नेतृत्व में कई अरब देशों ने कतर के साथ राजनीतिक सम्बंध तोड़ दिए हैं। ये पूरे देश अमेरिकी समर्थक रहे हैं। अतः इसे अमेरिकी लॉबी में फूट माना जा रहा है। इससे मध्यपूर्व में नए समीकरण बनेंगे। इसके परिणाम घातक ही होंगे। अप्रवासी भारतीयों के

नवचैतन्य का आगाज

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मोदी सरकार के तीन वर्ष भारत के नवनिर्माण की नींव रखने का आगाज देते हैं और यह कोई छोटा काम नहीं है। नवनिर्माण की राह तभी खुलती है जब जनता में आधी सदी में पनपी निराशा की भावना दूर हो और उनमें नवचैतन्य का संचार हो। मोदी सरकार के कार्यों से यह आशा पल्लवित ह

पाकिस्तानी साजिश का शिकार

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कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के कुचक्र का शिकार बन गया है। यह भी उसके भारत के खिलाफ छद्मयुद्ध का एक हिस्सा है। उसे कश्मीर को जलते रखना है, बांग्लादेश के टूटने के घाव को सहलाना है। आतंकवादी राष्ट्र होने की बात से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाना है। जाधव की

नवयुग का सूत्रपात

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भाजपा हाल के चुनावों में एक संगठित राष्ट्रीय शक्ति व कर्मठ नेतृत्व के साथ उभरी है, जबकि कांग्रेस नेतृत्वविहीन एवं असंगठित दिखाई दे रही है। अखिलेश की सपा एवं मायावती की बसपा तथा केजरीवाल की आप महज क्षेत्रीय पार्टियां ही बन कर रह गई हैं। उनके राष्ट्रीय मा

राष्ट्रसंघ के कागजी शेर

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कश्मीर संकट पर राष्ट्रसंघ का प्रस्ताव क्रमांक 47 और उससे जुड़े अन्य प्रस्ताव निष्फल और कालबाह्य हो चुके हैं। ये प्रस्ताव कागजी शेर बन कर रह गए हैं। प्रस्तावों के इस हश्र के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है; क्योंकि प्रस्तावों की पूर्वशर्त के अनुसार उसने अपने कब्जे वाले इलाके से अपनी फौज नहीं हटाई। शंखगाम घाटी तो उसने चीन को ही दे दी। अब तो पाकिस्तान-चीन एक तरफ और भारत दूसरी तरफ यह स्थिति बन गई है।

खिलता कमल

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देश में ४ फरवरी से लेकर ८ मार्च तक लोकतंत्र तक सब से बड़ा उत्सव होने जा रहा है। सब से बड़ा उत्सव इसलिए कि देश के लगभग २० फीसदी मतदाता पांच राज्यों में हो रहे इन विधान सभा चुनावों में अपने प्रतिनिधि चुनेंगे। मतदाताओं की संख्या कुल १६.८ करोड़ होगी। कुल ६९० स

नोटबंदी का एक्स-रे

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ओशो और नोटबंदी की बात करना बड़ा अटपटा लगेगा। लेकिन ओशो के चिंतन की गहराई में उतरे तो इसमें सिद्धांत पकड़ में आ जाएगा। ओशो ने कहा है, जब बदलाव या नवनिर्माण होता है तब सब कुछ उल्टा-पुल्टा हुआ लगता है। अराजकता का माहौल बन जाता है। पुरानी इमारत ध्वस्त हो जाती

दिल्ली का वायु-प्रलय

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राजधानी परिक्षेत्र में धुंध बेहद बढ़ गई, सामने सौ मीटर पर भी कुछ दिखाई न दें, सांस लेना दूभर हो गया, मास्क भी कोई काम नहीं दे रहे थे, कई बीमार हो गए। प्रकृति से खिलवाड़ की यह सजा है। परमाणु बम से भी अधिक यह ‘पर्यावरण बम’ विनाशक है। पहले जैसे जल-प्रलय हुआ करते थे, वैसे अब वायु-प्रलय होंगे। दिल्ली की स्थिति इसका आरंभिक संकेत है।

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