हम सब एक ही है ! – डॉ. मोहन जी भागवत

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डॉ. मोहन जी ने कहा, हिंदू- मुस्लिम एक हैं इसका कारण हमारी मातृभूमि एक है। पूजा- पद्धति अलग होने के कारण हमें अलग नहीं किया जा सकता। सभी भारतीयों का डीएनए एक है। भाषा, प्रदेश और अन्य विषमताओं को छोड़कर सभी भारतीयों को एक होकर भारत को विश्व गुरु बनाने का समय आ गया है। भारत विश्व गुरु बनने के बाद विश्व सुरक्षित होगा।

यही उनका बड़प्पन

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“रमेश, तुम्हारा यह लेख बहुत अच्छा है, सटीक है, भाषा संयमित है, पाठक और कार्यकर्ताओं को योग्य संदेश देने वाला है”। आबासाहेब के साथ यह संवाद गत 30-35 वर्षों में जाने कितनी बार हुआ होगा, कह नहीं सकता। अंतर्मन से तारीफ करना उनका स्वभाव था। यह तारीफ़ के शब्द अब कभी सुनाई नहीं देंगे, यह रह-रहकर याद आ रहा है और मन उदास हो रहा है। मृत्यु अटल है और यह जीवन का शाश्वत सत्य है, फिर भी इस शाश्वत सत्य के कटु घूंट को हलक से नीचे उतारने में अतीव कष्ट होता है। मेरे नाम पर अनेक पुस्तकें हैं।

राष्ट्र सर्वोपरि- संघ की विचारधारा

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विदेश नीति के संदर्भ में डॉक्टर हेडगेवार का एक और मंत्र है, "हम पर अब तक जितने आक्रमण हुए और अन्याय हुआ उसका एक ही उत्तर है, वह याने अति शक्तिशाली बनना।" नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, हम शक्तिशाली भारत का अनुभव कर रहे हैं। कांग्रेस के कालखंड में भारत में आतंकवादी हमले हुए, जिसमें पाकिस्तान का हाथ था, उसमें हमारे कई नागरिक मारे गए। हम केवल उनके शव गिनते बैठे रहते थे। कायराना हमला, मानवता के लिए कलंक, इस प्रकार की अर्थहीन बातें करते रहते थे। कैंडल मार्च निकालते रहते थे।

परमभाग्य

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मंदिर यह पवित्र स्थान होता है इसलिए हम मंदिर के बाहर ही चप्पल-जूते निकालकर मंदिर में प्रवेश करते है. मंदिर में भगवान के समक्ष सुंदर सुंगंधित फुल चढाते है. हमें मंदिर की पवित्रता का ध्यान रखना पड़ता है और उसके अनुरूप ही मन में पवित्र विचार आते है क्योंकि मंदिर में भगवान रहते है.

उद्धव-आदित्य, राऊत से नहीं; शिवसैनिकों से घनिष्ठता बढ़ाएं

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उद्धव, आदित्य एवं संजय राऊत की सेना शिवसेना नहीं है। उनकी सरकार कितने दिनों टिकेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। महाराष्ट्र की परिस्थिति दिनोंदिन खराब से भयावह होती जा रही है, जनता इसे एक सीमा तक ही सहन करेगी।

आत्मनिर्भर भारत का गंतव्य

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अलग-अलग कुशल समूह यह सामाजिक पूंजी है। उसे कुशलता से उत्पादन क्षेत्र में उपयोग किया जाना चाहिए। फिर हमें ध्यान में आएगा कि हमारी उत्पादन क्षमता अपार है। हमारी बराबरी विश्व का कोई भी देश नहीं कर सकता। आत्मनिर्भर भारत का यह अंतिम गंतव्य स्थान है।

संकल्प शिलाओं का पूजन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन शिलाओं का पूजन किया वे शिलाएं केवल पत्थर या धातु की नहीं हैं वरन वे देश को वैभव संपन्न करने वाली ’संकल्प शिलाएं’ हैं। यह संकल्प भारत और विश्व के सभी राम भक्तों का है। यह राष्ट्रीय संकल्प है। यह सत्य संकल्प है। राजनीति से इसका कोई संबंध नहीं है।

भव्य मंदिर, भव्य भारत

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अब हमें दैवी गुणों की संपदा निर्माण करनी है। प्रत्येक हिंदू व्यक्ति और उन व्यक्तियों से मिलकर बना समाज दैवी गुणों संपन्न बनाना है। राम हमारी इसी राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक हैं। भव्य मंदिर याने भव्य भारत, यह हमारी दिशा है।

सत्य क्या है?

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गलवान घाटी में मुठभेड़ को अब 3 हफ्ते से अधिक का समय गुजर गया है। इन तीन हफ्तों में इस घटना पर चर्चा करने वाले लेखों की बरसात हुई है। राहुल गांधी एंड कंपनी घटना का राजनीतिकरण करने में मगन है। उनके प्रश्नों एवं वक्तव्यों को गंभीरता से लेने का कोई कारण नहीं है।

संघ बगीचे का एक विकसित पौधा

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ऐसी हजारों लाखों रेखाएँ विकसित करनी पड़ती हैं। ऐसे देशव्यापी विकसित संघ बगीचे का रेखा एक पौधा है। उसे पाला-पोसा, संवर्धित किया यमगरवाडी ने। उसकी उन्नति देखकर हम सभी कृतार्थ भावना से आनंदित हो जाते हैं।

चार ‘बी’ और एक ‘सी ‘

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18हवीं एवं 20वीं सदी में ऐसी जो घटनाएं घटित हुई हैं, वे ‘बी’ से प्रारंभ होती हैं। वे इस प्रकार हैं- बोस्टन, बेस्टाइल, बर्लिन और बाबरी। बोस्टन बंदरगाह पर 17 दिसंबर 1973 को स्वतंत्रता प्रेमी युवकों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के दो जहाजों पर लदी सारी चाय समुद्र में फेंक दी।

प्रौद्योगिकी की भाषा

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प्रौद्योगिकी के विकास की गति इतनी जबरदस्‍त रही कि कल की प्रौद्योगिकी आज अर्थहीन होने लगी। कोडॅक कम्पनी कैमरा और उसकी फिल्म बनाने वाली विश्व की सबसे अगुवा कम्पनी थी। अरबों का उसका कारोबार था। डिजिटल कैमरे का युग आया और कम्पनी इतिहास बन गई। बड़े-बड़े कारखाने और उनकी उत्पादन प्रणालियां बदलती गईं। मुंबई की सभी कपड़ा मिलें बंद पड़ गईं। लेकिन कपड़ा उत्पादन नहीं रुका। वह नई प्रौद्योगिकी के सहारे होने लगा।

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