‘माय होम इंडिया’ का पूर्वोत्तर में अलख

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पूर्वोत्तर में, विशेष रूप से त्रिपुरा में, आई राजनीतिक बयार ने वहां भाजपा और राष्ट्रवादी विचारों को बल प्रदान करने वाला माहौल पैदा किया है. केंद्र में श्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार आने के बाद वहां लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा है. प्रस्तुत है, त्रिपुरा की जमीनी हकीकत और समग्र पूर्वोत्तर के लिए समर्पित रूप से काम कर रही ‘माय होम इंडिया’ के श्री सुनील देवधर से हुई विशेष बातचीत के महत्वपूर्ण अंशः

हिंदी विवेक प्रकाशित ‘भगवद्गीता सबके लिए’ का विमोचन 

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कुरुक्षेत्र| श्रीमद्भगवद्गीता हमारे राष्ट्र का ही नहीं, अपितु पूरी दुनिया में पढ़े जानेवाला लोकप्रिय ग्रंथ है| जब-जब मानस पटल पर कुरुक्षेत्र का नाम आता है तो गीता में दिए गए निष्काम कर्म के संदेश से मनुष्य प्रेरित हो जाता है|

परावर्तन के योद्धा- मोहन जोशी-महामंत्री, विश्व हिन्दू परिषद

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वर्ष १९८४ में विश्व हिन्दू परिषद में परावर्तन विभाग प्रारंभ कर मोहन जोशी को अखिल भारतीय प्रमुख बनाया गया| यही कार्य विश्व हिंदू परिषद में धर्मप्रसार के रूप में जाना जाता है| मोहन जी ने देश में भ्रमण कर हजारों लोगों को वापस हिन्दू धर्म में आने को प्रेरित किया| नियति ने इस कर्मठ देशभक्त और हिंदू सेवक को हमसे उठा लिया, लेकिन उनका कार्य हमेशा याद रखा जाएगा|

अत्यधिक स्क्रीन प्रेम खतरनाक

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मोबाइल या टीवी जैसे आधुनिक उपकरणों के लती बने बच्चे एकाकी रहना पसंद करते हैं और ज्यादा सोशल नहीं होते| न उनके कोई मित्र होते हैं, न उनकी कोई और रूचि होती है| उन्हें सब बातें बोरिंग लगती हैं| खाली समय उन्हें परेशान करता है| उन्हें हर पल मनोरंजन चाहिए| अभिभावकों को इस पर गौर करना चाहिए|

एकीकरण की युवा भावना

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जम्मू और लद्दाख के साथ-साथ अब कश्मीर घाटी में भी कोई युवा अलगाववाद का सर्मथन करता नहीं मिल रहा है| घाटी में भी केवल तीन जिलों में ही देशद्रोहियों का प्रभाव है| उन्हें अब तो पैसे देकर भी पत्थरबाज नहीं मिल रहे हैं| देश की एकता के लिए राज्य का युवा पहले भी बलिदान दे चुका है और आज भी दे रहा है| युवा मन तो अपने देश भारत के साथ है, उसकी अखण्डता के लिए है|

विवेकानंद की दृष्टि में आदर्श युवा

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भारत के युवाओं को स्वामी विवेकानंद ने उस गुलामी के कालखंड में जो संदेश दिया था, वह आज भी समीचीन है| स्वामीजी युवाओं से कहते थे, ‘‘उठो, जागो, रुको मत, जब तक मंजिल पर ना पहुंचो तब तक चलते जाओ|’’ वे ऐसे युवाओं की कल्पना करते थे जो धर्माचरण करनेवाला हो, परिश्रमी हो, बलवान हो, ज्ञानवान हो और देशभक्त हो|

अम्लीय प्रदूषण से दूषित होती नदियां

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स्टील प्लांटों से निकले तेजाब ने मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र की नदियों के जल को प्रदूषित कर अम्लीय बना दिया है| वहीं छत्तीसगढ़ की नदियों को खदानों से उगल रहे मलबे लील रहे हैं| उत्तर प्रदेश की गोमती का पानी जहरीला हो गया है| गंगा किस हाल में है, सब जानते हैं| 

क्या राहुल होंगे कांग्रेस के तारणहार?

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राजनेता राहुल गांधी का कांग्रेस जैसी ऐतिहासिक पार्टी का अध्यक्ष बनना उसमें कितनी संजीवनी फूंकेगा यह कहना मुश्किल है| उनके समक्ष इतनी बेहिसाब चुनौतियां हैं कि उन्हें झेलने की राजनीतिक परिपक्वता उनमें कितनी है इसका आज कोई अंदाजा नहीं है| लिहाजा, इससे कांग्रेस का अस्तित्व अवश्य दांव पर लग गया है| घरानेशाही की कीमत इस रूप में चुकानी पड़ रही है|

चिंता और चिंतन की जरूरत

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लोकतंत्र में चुनाव का विशेष महत्व है. इन चुनावों के माध्यम से जनता अपने भविष्य के सपने को पंख देने की कोशिश करती है. हाल में हुए गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों को इसी दृष्टि से महत्व प्राप्त हो गया था. चुनावों के दौरान हिमाचल की अपेक्षा गुजरात के चुनाव विशेष चर्चित रहे. चुनावी माहौल आरोप-प्रत्यारोपों से उफनता रहा. इसमें एक बात तीव्रता से अनुभव की जा रही थी कि गुजरात के चुनाव देश में भविष्य के राजनीतिक समीकरण बदलने वाले सिद्ध होंगे. नरेंद्र मोदी गुजरात के भूमिपुत्र हैं. इसलिए आरंभ में ऐसा लग रहा था कि यह

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