मध्य भारत में क्लीन स्वीप की सम्भावना

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मध्य भारत के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भाजपा अन्य दलों की अपेक्षा बहुत ही मजबूत स्थिति में है। इस बार भाजपा क्लीन स्वीप करने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा को कांगे्रस के साथ-साथ नक्सली समर्थक तथा वनवासी क्षेत्रों में मिशनरीज के साथ दो-दो हाथ करना पड़ सकता है।

भाजपा का बढ़ता जनाधार

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इस बार के चुनाव में यदि भाजपा दक्षिण भारत में उम्मीद से अधिक सीटें जीत जाए तो आश्चर्य मत कीजिएगा क्योंकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता का विश्वास भाजपा पर बढ़ा है। प्रांत, भाषा और अलगाववाद की राजनीति करने वाली क्षेत्रीय पार्टियों ने राष्ट्र-धर्म और हिंदुत्व का विरोध कर अपने पतन का मार्ग खुद चुना है।

भाजपा का गढ़ उत्तर भारत क्षेत्र

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जम्मू-कश्मीर और पंजाब को छोड़कर पूरे उत्तर भारत क्षेत्र के राज्यों में भाजपा-एनडीए प्रभावी स्थिति में है। इन क्षेत्रों से पिछली बार एनडीए को कुल 211 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार इसमें और अधिक बढ़ोत्तरी के संकेत हैं। हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, राम मंदिर, सीएए आदि उपलब्धियों के चलते भाजपा के पक्ष में वातावरण बना हुआ है।

एनडीए को 411 सीटें जीतने का अनुमान

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भाजपा ने भले ही अपने एनडीए गठबंधन के लिए 400 पार का नारा दिया है, लेकिन हाल ही में हुए एक सर्वे में उसकी 411 सीटें जीतने की सम्भावना जताई गई है। गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में भाजपा इस बार पहले से अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

मां, माटी और मानुष की हत्या

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बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी के मुस्लिम तुष्टिकरण का दुष्परिणाम वहां के मूलनिवासियों को भुगतना पड़ रहा हैं। वही बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठ से वहां की डेमोग्राफी चेंज होने लगी है। संदेशखाली में हुई अमानवीय वारदातें ममता की निर्ममता का प्रमाण हैं।

पूर्वोत्तर में रहेगा एनडीए का वर्चस्व

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2024 के लोकसभा चुनाव का रुझान भाजपा-एनडीए के पक्ष में जाता दिखाई दे रहा है। पूर्वोत्तर में 24 में से 20 से अधिक सीटों पर एनडीए का वर्चस्व रहने का अनुमान है। हालांकि भयमुक्त चुनाव सम्पन्न करने हेतु संवेदनशील और सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से सर्तक रहना आवश्यक है।

चार सौ पार के सूत्रधार मुख्य मंत्री

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उत्तर प्रदेश से योगी आदित्यनाथ, असम से हिमंता बिस्वा सरमा, उत्तराखंड से पुष्कर सिंह धामी और गोवा से डॉ. प्रमोद सावंत ऐसे आदर्श मुख्य मंत्री हैं जिन्होंने धर्म, संस्कृति, हिंदुत्व के साथ अपने विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था से देशवासियों का दिल जीत लिया है।

मोदी सरकार के नवरत्न

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। मोदी सरकार को सशक्त एवं स्थिर रखने में उनके सहयोगियों की अहम भूमिका है। इन्होंने अपने नेतृत्व गुणों से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के निहितार्थ

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भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी राजनीतिक पारी सुरू करनेवाले आम आदमी पार्टी के प्रमुख व दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल खुद शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हो गए। भ्रष्टाचार विरोध में बड़े-बड़े वादे और नारे देकर दिल्ली की पाने वाले मुख्य मंत्री ने आम आदमी पार्टी को कलंकित कर दिया है।

माखनलाल चतुर्वेदी : आदर्श पत्रकारिता के संवाहक

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भारत में पत्रकारिता भी धर्म है और इसके विपरीत कार्य करना अधर्म की श्रेणी में आता है। भारतीय पत्रकारिता के आदर्श पुरूष कहे जाने वाले माखनलाल चतुर्वेदी के दिखाए मार्ग पर चलकर हमें भी धर्म-संस्कृति और राष्ट्रबोध से ओत-प्रोत मूल्याधारित पत्रकारिता करनी चाहिए।

संकट : विपक्ष के अस्तित्व पर

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जैसे-जैसे देश में जन-जागरण व राष्ट्रवाद का उभार हो रहा है और मोदी सरकार शक्तिशाली हो रही है, वैसे-वैसे कांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन का असली रूप एवं चरित्र सामने आ रहा है। इस बार के चुनाव में तुष्टिकरण, अलगाववाद, जाति, भाषा, प्रांत की राजनीति करने वाले वंशवादी, परिवारवादी पार्टियों का अस्तित्व संकट में है।

काम दमदार, तीसरी बार मोदी सरकार

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पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने अपने उल्लेखनीय कार्यों से इतनी उपलब्धियां प्राप्त कर ली हैं कि उनका आत्मविश्वास चरम पर है और वे अपने इसी लोकाभिमुख कामकाज के बूते चुनाव में अभूतपूर्व विजय सुनिश्चित करने की ओर अग्रसर हैं।

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