श्रद्धा, भक्ति, विश्वास और संकल्प
अंत:करण की उत्कृष्टता को "श्रद्धा" के नाम से जाना जाता है । उसका व्यावहारिक स्वरुप है -"भक्ति" । यों साधारण ...
अंत:करण की उत्कृष्टता को "श्रद्धा" के नाम से जाना जाता है । उसका व्यावहारिक स्वरुप है -"भक्ति" । यों साधारण ...
भारत सदा से सन्तों की भूमि रही है। जब-जब धर्म पर संकट आया, तब-तब सन्तों ने अवतार लेकर भक्ति के ...
अपने संकीर्तन द्वारा पूर्वोत्तर में धर्म बचाने वाले निमाई (चैतन्य महाप्रभु) का जन्म विक्रमी सम्वत् 1542 की फागुन पूर्णिमा (27 ...
बाबा राममंगलदास उच्च कोटि के एक सिद्ध महात्मा थे। उनके मन में श्रीराम और श्री अयोध्या जी के प्रति अत्यधिक ...
संत रविदास का जीवन मानव विवेक की पराकाष्ठा का सर्वोत्तम प्रतीक है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सनातन धर्म के उत्थान ...
एक भक्त थे कुम्भन दास जी, गोवर्धन की तलहटी में रहते थे । एक बार की बात है कि ...
एक समय की बात है। एक नगर में एक सुरेन्द्र नामक कंजूस व्यक्ति रहता था। उसकी कंजूसी सर्वप्रसिद्ध थी। वह ...
"जीवन" एक वन है, जिसमें "फूल" भी हैं और "काँटे" भी । जिसमें "हरी-भरी सुरम्य घाटियाँ" भी है और "ऊबड़-खाबड़ ...
"चरित्र" ही जीवन की आधारशिला है । "भौतिक" एवं "आध्यात्मिक" सफलताओं का मूल भी यही है । "विश्वास भी लोग ...
हे प्रभो! मेरी केवल एक ही कामना है कि मैं संकटों से डर कर भागूँ नहीं, उनका सामना करूँ। इसलिए ...
आप संसार के कर्मनिष्ठ महापुरुषों से शिक्षा ग्रहण कीजिए, अपने को धैर्यवान बनाइए, काम को खेल की तरह करिए, कठिनाइयों ...
एक साधु महाराज श्री रामायण कथा सुना रहे थे। लोग आते और आनंद विभोर होकर जाते। साधु महाराज का नियम ...
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