जनजाति समाज ही सनातन भारत का बीज

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देशभर के वनों के उन्नयन का भार उठाने वाला वनवासी जनजाति समुदाय हमारी सनातन संस्कृति का प्रमुखतम अंग है परंतु सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वाले लोग उन्हें भड़काते रहते हैं कि आप तो हिंदू संस्कृति से अलग, स्वतंत्र समुदाय हैं। जनजाति विकास मंच और जनजाति चेतना परिषद जैसे प्रबोधन…

लोक जीवन के चितेरे भिखारी ठाकुर

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भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर ने ठेठ देशज नौटंकी को  एक नए शिखर तक पहुंचाने का कार्य किया था। अपने नाटकों में वे हमेशा सामाजिक कुरीतियों पर तीखा प्रहार करते थे। उनकी जीवनगाथा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणास्पद है, जिसे अपने जीवन की शुरुआत शून्य से करनी है तथा, उसके मन में असीम सम्भावनाओं वाला एक बड़ा लक्ष्य हो।

मुंबई की लोकल गाड़ियों में गाना लोक गायकी का अनोखा अंदाज

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मुंबई की लोकल गाड़ियों में अनेक भजन मंडलियां वर्षों से यात्रा करती आ रही हैं। मध्य रेलवे के कसारा और टिटवाला तथा कर्जत और नेरल स्टेशनों एवं पश्चिम रेलवे के विरार और वसई आदि स्टेशनों से लोकल में चढ़ने वाली भजन मंडलियों के समूह गाड़ी में अपने आराध्य की प्रतिमा स्थापित करते हैं,

रामलीला के मंचन में पीछे नहीं है महाराष्ट्र

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‘अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता’ की कहावत को शब्दश: अंगीकार करते हुए महाराष्ट्र की राजधानी तथा भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में ख्यात मुंबई नगरी में विभिन्न देवी-देवताओं को मानने वालों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है, उसके आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा

मानव मात्र के आराध्य दाशरथि राम

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भारत ऋषि-मुनियों का देश है। ऋषियों की प्रज्ञा मानवता के संविधान वेद के मन्त्रों का प्रत्यक्ष दर्शन किया करती थी- ऋषय मंत्रद्रष्टार:। उन ऋषियों ने ही भारतभूमि को देवभूमि, यज्ञभूमि, योगभूमि, त्यागभूमि, आर्यभूमि के रूप में कीर्ति प्रदान की है। इस भूमि में उन्होंने जीवन की सम्पूर्णता के, जीवन के सौन्दर्य के दर्शन किये थे।

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