हिन्दू और हिंदुत्व में बस इतना सा अंतर है

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हिंदू धर्म व हिंदुत्व में अंतर है, यह बहस चल रही है। हिंदू धर्म व हिंदुत्व में अंतर नहीं है। हिंदुत्व हिंदू धर्म का प्रयोग है। हिंदू धर्म यदि सिद्धांत हैं तो हिंदुत्व उसका प्रयोग है। उदाहरण देखें.... अहिल्या का उद्धार करना हिंदू धर्म है और बाली का संहार करना…

रंग बरसे

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फिराक, गैंग्स ऑफ वासेपुर, भाग मिल्खा भाग, मद्रास कैफे, स्पेशल छब्बीस जैसी फिल्मों के द्वारा हिंदी सिनेमा कितने भी अलग मोड़ ले लें, परंतु वह अपनी परम्परागत विशेषताएं छोड़ देगा ऐसा नहीं लगता है।

उत्तर प्रदेश की सन्त परम्परा

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उत्तर प्रदेश की सन्त परम्परा भगीरथी परम्परा है । वाल्मीकि, भारद्वाज, याज्ञवल्क्य, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र जैसे ऋषि‡मुनियों के ज्ञान से पोषित परम्परा ने ‘भक्ति काल’ में जिस उत्कर्ष को छुआ, उसमें तत्कालीन परिस्थितियों, विषम राजनैतिक वातावरण के बीच जन-सामान्य की निराशा और

चतुर्मास में तांबा-पीतल का महत्त्व

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भारतीय संस्कृति में हर दिन का अपना-अपना विशेष महत्त्व है। हर माह की पूर्णिमा, अमावस्या, चतुर्थी, एकादशी का अपना एक स्थान है। इसी को त्यौहार या उत्सव कहते हैं। इस दिन को की जाने वाली विधि, कुलाचार, पूजा सुनिश्चित है।

आओ मनाएं नया साल विक्रम सम्वत् 2069

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भारतीय संस्कृति श्रेष्ठता की उपासक है। जो प्रसंग समाज में हर्ष व उल्लास जगाते हुए एक सही दिशा प्रदान करते हैं उन सभी को हम उत्सव के रूप में मनाते हैं। राष्ट्र के स्वाभिमान व देश प्रेम को जगाने वाले अनेक प्रसंग चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से जुड़े हुए हैं। यह वह दिन है जिस दिन से भारतीय नव वर्ष प्रारंभ होता है।

जय गिरिधारी, जय गिरिराज

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गिरिराज गोर्वधन की महिमा अपरंपार है। इसका जयनाद अहर्निश हो रहा है। ऐसी कोई तिथि नहीं, ऐसा कोई वार नहीं, ऐसा कोई दिन नहीं जब गिरिराज महाराज के भक्तगण उनका जयघोष करते हुए उनकी व उनकी परिक्रमा करते हुए अपने जीवन को धन्य न करते हो।

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