“बिन पानी सब सून” कहावत कहीं वास्तविकता न बन जाए

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ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय में विश्व में पानी को लेकर युद्ध छिड़ने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं, क्योंकि जब भूगर्भ में पानी की उपलब्धता यदि इसी रफ्तार से लगातार कम होती चली जाएगी तो वर्तमान स्थानों (शहरों एवं गावों में) पर निवास कर…

वीरमाता गौरादेवी : ‘चिपको आंदोलन’ की जननी

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आज पूरी दुनिया लगातार बढ़ रही वैश्विक गर्मी से चिन्तित है। पर्यावरण असंतुलन, कट रहे पेड़, बढ़ रहे सीमेंट और कंक्रीट के जंगल, बढ़ते वाहन, ए.सी, फ्रिज, सिकुड़ते ग्लेशियर तथा भोगवादी पश्चिमी जीवन शैली इसका प्रमुख कारण है।  हरे पेड़ों को काटने के विरोध में सबसे पहला आंदोलन पांच सितम्बर,…

नद्यः रक्षति रक्षितः

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दुनिया में एक नहीं अनेक सभ्यताओं का निर्माण, विकास और संरक्षण नदियों के कारण हुआ है। मानव सभ्मता के विकास में नदियों का ऐतिहासिक महत्व रहा है। यह महज संयोग नहीं है कि भारत के अधिकांश बड़े नगर नदियों के तट पर बसे और विकसित हुए हैं। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण ह््ैं।

पानी अर्थात जीवन

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बारिश! भगवान का सबसे बड़ा चमत्कार। जल ही जीवन है । इस धरती के प्रत्येक सजीव में 90 प्रतिशत पानी होता है। मछलियां पानी के बिना एक मिनट भी जिन्दा नहीं रह सकतीं। रेगिस्तान का जहाज कहा जाने वाला ऊंट भी भले ही दो हफ्ते पानी न पिये, परन्तु वह पानी का संचय जरूर करता है।

संगाई

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संगाई को अंग्रेजी में हूता् ई, लैटिन में णन्ल्े ात्ग्ग् तथा ब्राह्मी भाषा में शामिन व मणिपुरी में संगाई कहते हैं। संस्कृत में उसे रूरू के नाम से जाना जाता है।

जल शुध्दिकरण ‘सी टेक’ से

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केवल पानी का संरक्षण ही नहीं बल्कि उसका पुन: उपयोग करना ही पानी की समस्या का हल हो सकता है। एसएफसी एनवायरमेंटल टेक्नालाजी प्रा. लि. कम्पनी विगत् पांच-छ: वर्षों से ण्-ऊाम्प् (सी-टेक) जैसी अत्याधुनिक तकनीक की मदद से इसी उद्देश्य को लेकर कार्य कर रही है। इस तकनीक और कम्पनी को मिल रही लोकप्रियता पर कम्पनी के निदेशक संदीप आसोलकर के साथ ‘हिंदी विवेक’ की बातचीत के महत्वपूर्ण अंश।

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