भारत का वास्तुशास्त्र
ये समूचा विश्व ही मेरा घर है, ऐसी संकल्पना सामने रखकर यदि संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर की भूमिका के बीच इस विश्व के वास्तुशास्त्र के दृष्टिकोण से विवेचन किया गया तो कई उद्बोधक निष्कर्ष सामने आएंगे। उनकी उक्ति के आधार पर समूची पृथ्वी को एक वास्तु, एक घर मान लिया गया तो