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बुर्का और बंदूक के बीच तड़पता अफगानिस्तान!

बुर्का और बंदूक के बीच तड़पता अफगानिस्तान!

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, देश-विदेश, महिला, राजनीति, सामाजिक
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अफगानिस्तान में तेजी से सब कुछ बदल रहा है इस बदलाव की ना तो किसी को उम्मीद थी और ना ही किसी ने ऐसा सोचा था कि एक दिन अफगानिस्तान आतंकियों के हाथों में आ जाएगा। वह लोग अपने आप को बहुत ही खुश नसीब मान रहे हैं जो वहां से निकल चुके है और किसी अन्य देश में शरण ले चुके है। अफगानिस्तान में तेजी से होते बदलाव के बाद सिर्फ बंदूक और बुर्का ही नजर आ रहा है आप की नजर जहां तक जायेगी सिर्फ यही दोनों चीजें नजर आयेगी। अफगानिस्तान का पुरुष अगर विरोध करता है तो उसे बंदूक से चुप करा दिया जाता है जबकि महिलाओं के विरोध को बुर्के में डालकर बंद कर दिया जा रहा है। 
अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद यह आंकलन लगाया जा रहा है कि यह करीब 10 साल पीछे चला गया जबकि कुछ लोग इसे बदलता स्वरूप मान रहे हैं। हम आप को कुछ तस्वीरों के माध्यम से बताना चाहते है कि अफगानिस्तान आगे जा रहा है या फिर पीछे? काबुल के राष्ट्रपति भवन पर कब्जे के बाद आप ने आलीशान सोफे पर आतंकियों को अजीबो गरीब तरीके से बैठते हुए जरूर देखा होगा? आप ने जिमखाने में कसरत करने वाली मशीनों को अजीबो गरीब तरीके से घूरते देखा होगा? ऐसा लग रहा था कि इससे पहले इन आतंकियों ने ऐसी मशीन नहीं देखी थी। अमेरिकी सैनिकों ने अपना हेलीकॉप्टर छोड़ दिया था जिस पर यह आतंकी झूला झूल रहे है। अब आप यह सब देखकर क्या अंदाजा लगा सकेंगे कि अफगानिस्तान कितने साल पीछे चला गया। 
सड़कों पर चलती महिलाएं पूरी तरह से बुर्के में ढकी होती है। महिला पार्लर के बाहर वेस्टर्न ड्रेस में किसी महिला का फोटो नजर नहीं आता है अगर ऐसा किया तो तालिबानी लड़ाके उसे आग लगा देंगे। पार्लर चलाने वाली एक महिला ने कहा कि अब हमें कोई भी आधुनिक फोटो लगाने की मनाही है ऐसा किया तो वह (तालिबानी) हमें मारेंगे या फिर हमारे साथ कुछ भी हो सकता है। तालिबानियों की नजर लड़कियों और महिलाओं पर बहुत बुरी है अगर उनका बस चले तो वह आंखों से ही खा जाएं।   
तालिबानी आतंकियों ने जब सरकार बनाने का ऐलान किया तो उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर सभी को यह भरोसा दिलाया कि इस सरकार में सभी का ख्याल रखा जाएगा और महिलाओं की आजादी को बरकरार रखा जाएगा लेकिन उनका यह भरोसा एक दिन भी नहीं चल पाया और अगले ही दिन फिर खबर आ गयी कि 15 से लेकर 45 साल तक की महिलाओं को जबरन उनके घर से निकाला जा रहा है और उन्हें यौन गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। महिलाओं को बिना किसी पुरुष के बाहर निकलने की आजादी नहीं दी गयी है अगर किसी महिला के ऊपर गैर पुरुष के साथ होने का संदेह होता है तो उसे सरेआम कोड़े से पीटा जाता है। तालिबानियों की मानसिकता का पता इस बात से भी चल जाता है कि वह महिलाओं को लेकर कहते है कि महिलाएं सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए होती है मंत्री बनने के लिए नहीं। अफगानिस्तान फिर से वहीं पहुंच गया जहां वह 1996 में था। 

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Tags: afghanistanbreaking newshindi vivekhindi vivek magazinepoliticsselectivetalibantaliban kya haitalibanitalibani mindsettalibaniterrorist

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