प्रशांत किशोर ने बताया कि आखिर कैसे बीजेपी दशकों तक सत्ता में रहेगी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की चुनावी पकड़ बहुत ही तेज है और अक्सर उनकी बातें सही साबित होती है। हाल ही के बंगाल चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा था कि बीजेपी को जीत हासिल नहीं होगी और वह सही साबित हुआ जबकि बंगाल में बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। अब प्रशांत किशोर की तरफ से एक बयान आया है जिसके बाद से राजनीति में थोड़ी गर्मी बढ़ गयी है खासकर विपक्षी दलों के बीच में। प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी की तरफ से रणनीति तैयार की थी जिसके बाद वह समय समय पर पार्टी बदलते गये लेकिन प्रशांत किशोर की चुनाव पर जो पकड़ है वह अभी भी मजबूत है और उनके आंकड़े बिल्कुल फिट बैठते हैं। 
 
प्रशांत किशोर ने यह बयान देकर विपक्षी दलों की धड़कनें बढ़ा दी है कि बीजेपी कई दशक तक सत्ता से बाहर होने वाली नहीं है। बीजेपी का काम और भाव अब लोगों के दिलों तक पहुंच चुका है इसलिए सत्ता से बीजेपी की दूरी अब थोड़ी मुश्किल हो चुकी है। प्रशांत ने कहा कि कुछ लोग इस गलत फहमी में जी रहे है कि लोग बीजेपी से ऊब चुके है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जनता के सामने थोड़ी बहुत समस्याएं जरुर है लेकिन वह इतनी भी बड़ी नहीं है कि उसके लिए किसी और पार्टी को मौका दिया जा सके। प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह उनकी गलत धारणा है कि वह बीजेपी को उखाड़ फेकेंगे। देश के तमाम राजनीतिक दल इस बात से वाकिफ नहीं है कि बीजेपी अब सत्ता में लम्बे समय तक चलने वाली है और इसके लिए मोदी का चेहरा होना जरुरी नहीं रहा है। बीजेपी भले ही मोदी के नाम पर चल रही हो लेकिन यह भी सही है कि मोदी पीएम पद से बाहर होने से पहले किसी और चेहरे को मौके दे देंगे और वह बीजेपी का नया चेहरा होगा। प्रशांत किशोर ने अपने बयान में कहा कि मोदी पार्टी में रहें या ना रहें लेकिन पार्टी सत्ता में जरूर रहेगी। 
पीके की तरफ से कहा गया कि बीजेपी जहां भी चुनाव जीता है वहां उसका बहुमत रहा है जो यह साफ करता है कि जनता का अधिकतर विश्वास अब बीजेपी के साथ हो चुका है तो ऐसे में विश्वास खत्म होने में समय लगता है। पीके ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे आजादी के बाद कांग्रेस ने करीब 40 सालों तक लगातार देश पर राज किया अब वही समय बीजेपी के पास लौटा है और बीजेपी भी अब कई दशकों तक सत्ता में बनी रहेगी। पीके ने यह भी कहा कि मोदी को हराना इतना आसान नहीं है अगर उन्हें हटाना है तो पहले उनकी ताकत को समझना होगा क्योंकि बिना उनकी ताकत को समझे उन्हें सत्ता से दूर कर पाना मुश्किल है। 
 
प्रशांत किशोर एक तरफ विपक्षी दलों को एक करने में लगे हुए है तो दूसरी तरफ से उनका बयान विपक्षी दलों की चिंता बढ़ा रहा है। मोदी की लोकप्रियता तो विश्व विख्यात है फिर प्रशांत किशोर का यह बयान थोड़ा समझ से परे हो रहा है। अगर पीके विपक्षी दलों को एक साथ लाना चाहते हैं और बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं तो फिर ऐसा बयान देना कई सवाल खड़े करता है। प्रशांत किशोर को लेकर खबर थी कि वह कांग्रेस का हाथ थामने वाले हैं लेकिन तमाम बैठकों के बाद भी ऐसा नहीं हो सका और वह अब टीएमसी के साथ हैं और आगामी गोवा विधानसभा चुनाव में वह टीएमसी के लिए फिर से कैंपेन करने की तैयारी में  हैं। 

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