देश के दो प्रधानमंत्री के अहम की कहानी

Continue Readingदेश के दो प्रधानमंत्री के अहम की कहानी

नरेंद्र दामोदर दास मोदी देश के 15वें प्रधानमंत्री हैं जबकि इंदिरा गांधी देश की 4 चौथी प्रधानमंत्री थी। इन दोनों ही लोगों में एक समानता यह थी इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बड़े और साहसी फैसले लिए थे। हालांकि दोनों लोगों के कार्यकाल में यह फर्क हैं कि जब इंदिरा गांधी…

हिमालय क्षेत्र में प्रकृति संरक्षण एवं आपदा प्रबंधन

Continue Readingहिमालय क्षेत्र में प्रकृति संरक्षण एवं आपदा प्रबंधन

पहाड़ी क्षेत्रों में बादल का फटना एवं भूस्खलन एक साधारण घटना है, लेकिन केदारनाथ क्षेत्र में इतनी बड़ी आपदा पहली बार हुई है। इसी तरह से बादल का फटना, भूस्खलन, नदी की धारा बाधित होना, अल्पकालिक झील का निर्माण, झील का ध्वस्त होना एवं त्वरित बाढ़ का आना एवं अवसाद के अपवहित होने की घटना पर गंगोत्री हिमनदीय क्षेत्र में शोध अध्ययन किए गए हैं।

राज्य में राजनैतिक अस्थिरता

Continue Readingराज्य में राजनैतिक अस्थिरता

इसे छोटे राज्य का दुर्भाग्य कहें या राजनीतिक लिप्सा का एक अंग कि अब तक नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर कोई भी मुख्य मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। 2022 में उत्तराखंड में चुनाव होने हैं। जनता को जिस दल का कार्यकाल अच्छा लगेगा उसे जनता चुनेगी।

राजनीतिक सामाजिक हालातों की चिंताजनक कहानी

Continue Readingराजनीतिक सामाजिक हालातों की चिंताजनक कहानी

राज्य गठन के बाद उत्तराखंड को अटल सरकार ने दस साल के लिए औद्योगिक पैकेज दिया था। इसके तहत राज्य के मैदानी इलाकों में इंडस्ट्री तो आयी लेकिन पैकेज सब्सिडी अवधि खत्म होने के बाद उत्पादन ठप्प कर दिया। नतीजतन स्थानीय युवकों को रोजगार के संकट से गुजरना पड़ा और भू माफियाओं की दखलंदाजी बढ़ने से कृषि योग्य भूमि भी घटती चली गई।

त्वरित समाधान की मिसाल – नितिन गडकरी

Continue Readingत्वरित समाधान की मिसाल – नितिन गडकरी

महामारी के दौरान महाराष्ट्र के करीब 22 जिलों पर ध्यान रखने की जिम्मेदारी नितिन गडकरी को दी गई थी जो उन्होंने बखूबी निभाई। एक दौर तो ऐसा आया कि उन्होंने संपूर्ण महाराष्ट्र राज्य के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों को भी मदद की। नितिन गडकरी ने छोटी-छोटी ऐसी कई चीजें, कई काम कोरोना के दौरान किए जिनकी गिनती नहीं की जा सकती। वे खुद भी ऐसे कामों की गिनती नहीं करना चाहते क्योंकि वे मानते हैं कि लोकप्रतिनिधि के लिए ये सब स्वाभाविक है।

पाक प्रेम: जिस भारत ने सब कुछ दिया उसके खिलाफ ही नारेबाजी

Read more about the article पाक प्रेम: जिस भारत ने सब कुछ दिया उसके खिलाफ ही नारेबाजी
Lucknow: BJP leader Yogi Adityanath addresses a press conference in Lucknow on Feb 8, 2017. (Photo: IANS)
Continue Readingपाक प्रेम: जिस भारत ने सब कुछ दिया उसके खिलाफ ही नारेबाजी

किसी व्यक्ति के लिए क्या देश से बड़ी उसकी कौम या उसका मजहब हो सकता है? शायद आप का भी जवाब 'ना' होगा लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मजहब को देश के ऊपर रखने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया में हजारो धर्म के लोग है और सभी का धर्म अपनी…

प्रशांत किशोर ने बताया कि आखिर कैसे बीजेपी दशकों तक सत्ता में रहेगी

Continue Readingप्रशांत किशोर ने बताया कि आखिर कैसे बीजेपी दशकों तक सत्ता में रहेगी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की चुनावी पकड़ बहुत ही तेज है और अक्सर उनकी बातें सही साबित होती है। हाल ही के बंगाल चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा था कि बीजेपी को जीत हासिल नहीं होगी और वह सही साबित हुआ जबकि बंगाल में बीजेपी ने एड़ी चोटी…

राजनीतिक नाटक

Continue Readingराजनीतिक नाटक

कोई सालभर से सोनियाजी अस्वस्थता के कारण रोजमर्रे के काम से दूर हैं और राहुलजी कोई करिश्मा नहीं कर फाए। अन्य फार्टियों में भी इस गड़बड़झाले का संक्रमण हो रहा है। सोचिए जरा, देश किधर जा रहा है?

मिथक टूटा, हैट्रिक हुई, परिवारवाद खत्म

Continue Readingमिथक टूटा, हैट्रिक हुई, परिवारवाद खत्म

उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य जिन चार राज्यों में हाल में चुनाव हुए उनमें गोवा में भाजपा को अच्छी सफलता मिली, पंजाब में अकाली गठबंधन के साथ वह सत्ता में आई।

कांग्रेस धराशायी, भाजपा अप्रासंगिक

Continue Readingकांग्रेस धराशायी, भाजपा अप्रासंगिक

पूरा देश दम साधे उत्तर प्रदेश चुनावों की ओर टकटकी लगाए देख रहा था। 6 मार्च को देश में अन्य चार राज्यों मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड और पंजाब के चुनाव नतीजे भी घोषित हुए लेकिन जो चुनावी जुनून उत्तर प्रदेश के नतीजों को लेकर देश में था, उसके आगे सारे समाचार फीके हो गए। उत्तर प्रदेश की राजनीति ने हमेशा से देश की राजनीति को प्रभावित किया है।

End of content

No more pages to load