ब्लैंक चैक
कहते हैं कि आदमी को कभी बड़े बोल नहीं बोलने चाहिए। ये समय है। इसे परिवर्तनशील कहा जाता है। जाने...
कहते हैं कि आदमी को कभी बड़े बोल नहीं बोलने चाहिए। ये समय है। इसे परिवर्तनशील कहा जाता है। जाने...
राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत, सम्मानित, राष्ट्रवादी विचारधारा के पोषक, प्रखर चिंतक, मनीषी, गत दो दशकों से...
अस्वस्थता का ध्यान आते ही शरीर में एक लहर-सी दौड़ गई। वह तेज बुखार में तप रहा था। जी चाह...
नवीन, कलकत्ता से फोन पर तो बहुत मीठी-मीठी बातें करता पर जब एक-दो हफ्ते के अवकाश पर घर आता तो...
‘रास्ते भर ज्योति के सुद़ृढ़, विश्वासपूर्ण वाक्य कानों में टकराते रहे- ‘मैं नारी को छले जाते रहने की परिपाटी को...
“तुम तो बस..भारतीय संस्कृति की प्रतिमूर्ति-सी, प्रस्तर शिला की तरह मौन, विषपाई नीलकण्ठ की भांति सारा गरल स्वयं ही पीती...
बाबा बाबा बचाओ की चीख सुनकर मैं कम्प्यूटर पर काम करना छोड़कर नीचे दौड़ पड़ा. सीढ़ियां उतरते उतरते मेरे दिल...
...और उसके आगे की तमाम हालातों का नक्शा चलचित्र की भांति उसके मस्तिप्क में दौड़ने लगा। आगे बढ़ते उसके कदम...
देश में प्रचलित पर्व-उत्सव-मेले-त्योहार केवल आनंद भोग के लिए ही नहीं हैं, अपितु इनके पीछे का मुख्य मंतव्य जीवन को...
उसे लगा कि थो़डी देर में उसके सारे शरीर का खून खुद-ब-खुद निच्ाु़ड जाएगा और वह हड्डियों का कंकाल मात्र...
प्रभात का पत्र था, आज मैं असमंजस की स्थिति में फंसा महसूस कर रही हूं। एक ओर पुत्र, पुत्रवधू और...
मई का अन्तिम सप्ताह था। गर्मी अपनी चरम सीमा पर थी। पशु-पक्षी, राहगीर, किसान, सभी गर्मी की भीषणता से त्रस्त,...
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