पूर्वोत्तर में रहेगा एनडीए का वर्चस्व

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2024 के लोकसभा चुनाव का रुझान भाजपा-एनडीए के पक्ष में जाता दिखाई दे रहा है। पूर्वोत्तर में 24 में से 20 से अधिक सीटों पर एनडीए का वर्चस्व रहने का अनुमान है। हालांकि भयमुक्त चुनाव सम्पन्न करने हेतु संवेदनशील और सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से सर्तक रहना आवश्यक है।

हिंदू मैतेई को चाहिए संवैधानिक सुरक्षा

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हिंदू मैतेई समुदाय, जो कि वहां पर हमेशा से रहता आया है, म्यांमार से आए ईसाई कुकी समुदाय की वजह से अपने सरकारी हक खोता जा रहा है। मैतेई समुदाय एसटी आरक्षण की मांग कर रहा है। इसलिए दोनों सम्प्रदायों के बीच तनाव कायम है।

असम होगा बाल विवाह मुक्त

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असम के मुख्य मंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार वहां पर बाल विवाह के विरुद्ध सख्त कदम उठाएगी। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने भी उनकी मंशा का खुलकर समर्थन किया है। आवश्यकता है कि इसे आंदोलन का रूप देकर पूरे देश में लागू…

ईसाई बहुल राज्यों में बढ़ रहा भाजपा का प्रभाव

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पूर्वोत्तर के राज्यों में किसी समय भाजपा का जनाधार न के बराबर था पर नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने तथा उनकी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के कारण वहां भाजपा बहुत तेजी से अपने पांव मजबूत कर रही है। उम्मीद है कि मार्च में होने जा रहे चुनावों में भाजपा और मजबूत पकड़ बनाएगी।

जीवनशैली सांस्कृतिर दापोन (जीवनशैली ही संस्कृति का दर्पण)

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पूर्वोत्तर के आठों राज्य लगभग समान संस्कृति साझा करते हैं। उन्होंने आधुनिकता के प्रवाह के बावजूद अपनी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत बनाए रखा है। धीरे-धीरे देश और दुनिया के अन्य भागों के लोगों तक उनकी सांस्कृतिक विशेषताएं पहुंचने लगी हैं। स्वतंत्रता के पश्चात लगभग सात दशकों तक हाशिए पर रख दिए जाने के बाद पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में भी विकास की गंगा प्रवाहमान होने लगी है।

अंतरराज्यीय सीमा विवाद सुलझाने की पहल

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समस्याओं को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत करना ही सर्वोत्तम उपाय है। असम और मेघालय ने अपनी सीमा समस्या का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से करके अन्य राज्यों के समक्ष एक उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है।

खतरनाक राह पर चल पड़ा है असम

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असमिया के मूल निवासियों के लिए बांग्लादेश से आकर बसे मुसलमान एक बड़ा खतरा बन गए है, लेकिन स्थानीय लोग खतरे की भयावहता महसूस नहीं कर रहे हैं। उन्हीं लोगों के खिलाफ 1979 में असम आंदोलन आरंभ हुआ था। उन्हीं की पहचान के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन के अद्यतन का काम भी आरंभ हुआ था।

धींग एक्सप्रेस हिमा दास

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असम में धींग एक्सप्रेस के रूप में चर्चित हिमा दास की उपलब्धियों से असम के युवा धावकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उसने अब तक 6 स्वर्ण पदक जीते हैं और ओलंपिक के लिए उसके क्वालिफाई होने की उम्मीद है।

पूर्वोत्तर में भाजपा की बयार

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पूर्वोत्तर में मोदी हवा अब अंधड़ की भांति चल रही है। 2014 से अधिक सीटों पर भाजपा के जीतने की संभावना है। यह अभूतपूर्व बयार है।

पूर्वोत्तर के  पारंपरिक टैटू

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पूर्वोत्तर में टैटू फैशन नहीं, परम्परा का अंग है। आधुनिकता के बावजूद कबीलाई युवक गोदवाना पसंद करते हैं। हालांकि, कबीलाई प्रतीकों की जगह आधुनिक प्रतीकों ने उसका स्थान ले लिया है। इससे  पूर्वोत्तर में मरती जा रही इस प्रथा में नई जान आ गई है।

पूर्वोत्तर में क्षेत्रीय दलों के सहयोग से आगे बढ़ती भाजपा

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पूर्वोत्तर में जिस तरह भाजपा शासित या समर्थित सरकारों के गठन के बाद मुख्यमंत्री स्तर पर जीवंत संबंध आरंभ हुआ है, उसका उत्तर पूर्व के साथ देश के अन्य हिस्से पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। वैसे क्षेत्रीय दलों के सहयोग से ही आगे बढ़ना वर्तमान में जरूरी लगता है।

प्रकृति के अनुपम सौंदर्य से लदा असम

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पूर्वोत्तर भारत प्रकृति के सौंदर्य से इतना लदाबदा है कि मन के कैनवास से वह चित्र कभी नहीं मिटेगा। पूर्वोत्तर के ये आठ राज्य हैं- असम, मेघालय, अरुणाचल, मणिपुर, नगालैण्ड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम। हर राज्य की अपनी संस्कृति, अपना पेहराव और अपनी बोली-भाषाएं और खानपान है। इतनी विविधता तो अन्य किसी भी देश में नहीं मिलेगी। भीड़-भाड़ से दूर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पूर्वोत्तर पर्यटकों को खूब पसंद आ रहा है तो इसकी ठोस वजह भी है। पूर्वोत्तर राज्यों का परिवेश, मौसम और आत्मीयता पर्यटकों को आकर्षित कर लेती ह

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