श्री धार्मिक लीला समिति के 100 साल पूर्ण

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राष्ट्रीय राजधानी की सबसे पुरानी रामलीला समितियों में से एक – श्री धार्मिक लीला समिति अपने 100 साल पूरा होने पर 10 जून को सिरी फोर्ट सभागार में एक विशेष आयोजन करेगी। आयोजकों ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 'डिजिटल ऑडियो-विजुअल' प्रभाव के साथ जय श्री राम-रामायण प्रोडक्शन…

इंदौर की चर्चित फिल्मी हस्तियां

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मुंबई का बच्चा कहलाता है इंदौर। मुंबई स्थित ग्लैमर वर्ल्ड में इंदौर शहर के भी कुछ सितारों ने अपनी जगमगाहट दिखाई है। इनमें लता मंगेशकर, अमीर खान, सलमान खान जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इस आलेख में इंदौर में जन्मे प्रमुख कलाकारों के साथ-साथ उन्हें भी शामिल किया गया है,…

इंदौर की रंगमंच परम्परा

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किसी भी स्थान विशेष के लोगों की मानसिक प्रगति को नापने का सबसे बढ़िया साधन है, वहां की नाट्य परम्परा के सोपानों को देखना। यदि वहां पर नाटकों का मंचन अन्य साहित्यिक कृतियों की भांति ही हो रहा है तो वह स्थान चहुंओर प्रगति कर रहा है। इंदौर की वृहद्…

धुंधलाता दादा साहेब फालके का स्वप्न

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भारतीय फिल्मों के पितामह दादासाहब फालके भारतीय संस्कृति धर्म, परम्परा के संवाहक थे। उनकी पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। उन्होंने भारत को सिनेमा के सशक्त माध्यम का परिचय कराया। उस समय उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि, आगे चलकर बॉलीवुड फिल्में हमारी संस्कृति पर…

सिंगापुर में 12 दिवसीय भारतीय कला उत्सव का आयोजन

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सिंगापुर में आयोजित 12 दिवसीय कला उत्सव में करीब 100 स्थानीय कलाकार कर्नाटक और हिंदुस्तानी संगीत, भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी और ओडिसी सहित भारत की विभिन्न कला शैलियों को प्रस्तुत कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘इंडियन फाइन आर्ट्स सोसाइटी (आईएफएएस)’ ने किया है। ‘कल्पना- अतीत में झांककर भविष्य की…

बॉलीवुड का नाम बदलकर होना चाहिए ‘भारतीय सिनेमा’

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उज्जैन शहर में आयोजित दो दिवसीय शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में सोमवार को समापन समारोह में शामिल हुए बॉलीवुड अभिनेता संजय मिश्रा ने कहा कि अब बॉलीवुड नाम हटाने की आवश्यकता है. सिर्फ एक ही नाम भारतीय सिनेमा होना चाहिए. उन्होंने शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में  विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया.…

सम्बन्ध संज्ञाओं का दूषित होना

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दे दनादन फ़िल्म में शक्ति कपूर अपने से बहुत छोटी उम्र की लड़की को कहते हैं कि तुम चाचा, ताया, मामा कुछ भी कहो पर एक बार मेरे कमरे में आ जाओ, बीवी नम्बर वन में सलमान सुष्मिता सेन का परिचय अपनी आंटी के रूप में करवाते हैं। भागमभाग मूवी…

भारतीय फिल्मों को क्यों नहीं मिलता आस्कर अवार्ड?

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भारत के लिए आस्कर अवार्ड हमेशा से एक सपना रहा है जो सच्चे अर्थों में इस साल पूरा हुआ है जिसके कारण समूचे भारतीय फिल्म उद्योग में खुशी का माहौल है। 95 वें एकेडमी अवार्ड समारोह में इसी 12 मार्च की रात लास एंजिल्स के डोल्बी थियेटर में जब कार्तिकी…

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय संगीत का प्रभाव

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गीत और संगीत मनुष्य मन को रसपूर्ण बनाते हैं। लेकिन दोनों में एक आधारभूत अंतर भी है। गीत का अर्थ होता है। अर्थ बुद्धि के माध्यम से मूल शब्दों के भाव को प्रकट करता है। गीत भी ध्वनि है। लेकिन उसका अर्थ बौद्धिक कार्रवाई से निकलता है। संगीत में ध्वनियों…

मनोरंजन जगत में स्त्री का विकृत चित्रीकरण

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पिछले दो दशकों से फिल्मों और टीवी में महिलाओं के नकारात्मक चित्रण को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, अश्लील वेशभूषा और हावभाव का बढ़ता प्रयोग भी हमारे युवाओं को गुमराह कर रहा है। समाज के प्रबुद्ध वर्ग को आगे आकर इनके विरुद्ध खड़ा होना चाहिए ताकि पर्दे पर…

नहीं रहे बॉलीवुड के ‘कलेंडर’

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एक “मासूम” सा दिखने वाला हाँड़-मांस का व्यक्ति सपनों की “मंडी” में आकर “उड़ान” भरने की जिद पालता है और “वो सात दिन” उसकी ज़िन्दगी बदल देते हैं। “सागर” से गहरी उसकी अदाकारी से अवाम “मोहब्बत” करने लगती है। उसका “जलवा” ऐसा बिखरा कि लोगों को उसके होने से “गुदगुदी”…

फ्रिज या सूटकेस में जाने से बचना स्वरा भास्कर

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बहुत बधाई अनारकली ऑफ़ आरा की अभिनेत्री स्वरा भास्कर। बस टुकड़े-टुकड़े हो कर फ्रिज या सूटकेस में जाने से पहले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की याद रखना। वैज्ञानिक और देश प्रेमी पिता की लाज भी बचाए रखना। इस लिए भी कि एक झूठे मसले CAA-NRC विरोध में देश में आग…

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