भारत में आतंकवाद का पुनर्प्रवेश?

Continue Readingभारत में आतंकवाद का पुनर्प्रवेश?

धारा 370 को खत्म हुए कुछ ही वर्ष हुए हैं। अत: यह समझ लेना बड़ी भूल होगी कि कश्मीर से आतंकवाद समाप्त हो गया है। अगर अफगानिस्तान में 20 वर्षों के बाद पुन: तालिबानी कब्जा कर सकते हैं तो भारत में कश्मीर या अन्य राज्यों में भी पुन: आतंकवादी गतिविधियां हो ही सकती हैं। बानगी हम कश्मीर में देख ही चुके हैं।

तालिबान और भारत के तथाकथित सेक्युलर

Continue Readingतालिबान और भारत के तथाकथित सेक्युलर

कल्पना कीजिए अगर किसी हिन्दू संगठन ने ऐसा किया होता तो देश के सेक्युलर बुद्धिजीवियों ने कैसा रुदन मचा दिया होता? आज इन बुद्धिजीवियों और तुष्टिकरण की राजनीति के झंडावरदारों को अफगानी महिलाओं और बच्चों पर हो रहा बर्बर अत्याचार नजर नहीं आ रहा है क्योंकि वहां उनकी सेलेक्टिव सेक्युलरिज्म की थ्योरी फिट बैठती है।

अफगानिस्तान की हलचल का भारत पर प्रभाव

Continue Readingअफगानिस्तान की हलचल का भारत पर प्रभाव

अफगानिस्तान में तालिबान का वर्चस्व स्थापित हो चुका है। राष्ट्रपति अशरफ गनी, उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और उनके सहयोगी देश छोड़कर चले गए हैं।

भारत को बचना होगा तालिबानी सोच से

Continue Readingभारत को बचना होगा तालिबानी सोच से

अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ अफगानिस्तान के लोग शरणार्थी बनकर जा सकते हैं। क्योंकि पाकिस्तान की हालत किसी से छुपी नही है और चीन सांस्कृतिक दृष्टि से और सीमाओं की दूरी की दृष्टि से अफगानिस्तान से इतना दूर है कि वहां जाना अफगानिस्तान के लोगों को नहीं सुहाएगा। ऐसे में उन्हें भारत आना ही सबसे आसान लगेगा।

तालिबान का कब्जा, पाक की जीत और भारत की हार कैसे हुई?

Continue Readingतालिबान का कब्जा, पाक की जीत और भारत की हार कैसे हुई?

पाकिस्तान के हिस्से में जीत और इज्जत बहुत ही कम नसीब होती है हालांकि समय समय पर पाकिस्तान खुद से इसका अनुभव करता रहता है। अफगानिस्तान में मचे बवाल के बाद अब पाकिस्तान भी उसमें अपनी हिस्सेदारी आतंकियों के साथ बता रहा है और यह होगा भी क्यों नहीं पाकिस्तान…

नियति के शिकंजे में अफगानिस्तान

Continue Readingनियति के शिकंजे में अफगानिस्तान

अफगानिस्तान किसी जमाने में भारत का ही अंग था। भारतीय और अफगानी जनता में मैत्रीभाव था। अफगानिस्तान के सुदूर इलाकों तक हिंदुओं के व्यवहार थे। इसे ध्यान में रखकर अफगानिस्तान को फिर करीब लाने की चुनौती भारत के समक्ष है।

End of content

No more pages to load