जीत सदैव धर्म की ही होती है …
कौरव पक्ष में भी धर्म था उसका नाम विदुर था । पर धर्म को कौरव पक्ष ने सेवक बनाकर रखा ...
कौरव पक्ष में भी धर्म था उसका नाम विदुर था । पर धर्म को कौरव पक्ष ने सेवक बनाकर रखा ...
महाभारत में एक प्रसंग आता है जब धर्मराज युधिष्ठिर ने विराट के दरबार में पहुंचकर कहा, “हे राजन! मैं व्याघ्रपाद ...
किसी भी व्यक्ति के जीवन में नेत्रों का अत्यधिक महत्व है। नेत्रों के बिना उसका जीवन अधूरा है; पर नेत्र ...
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफल हेतु: भू: ते संग: अस्तु अकर्मणि।। भगवतगीता 2.47 भगवतगीता का यह श्लोक लगभग सभी ...
रामायण युग में दिव्य शक्तियों से परिपूर्ण होकर अवतरित रामभक्त हनुमान जी को कौन नहीं जानता और कौन नहीं मानता ...
पर्यटन के नजरिये से जब कभी बिहार घूमने की बात होती है, तो कुछेक नाम ही जुबां पर आते हैं, ...
हस्तिनापुर में पाण्डवों के राज्याभिषेक के बाद जब कृष्ण द्वारिका जाने लगे तो धर्मराज युद्धिष्ठर उनके रथ पर सवार हो ...
विश्व का सबसे बड़ा युद्ध था महाभारत का कुरुक्षेत्र युद्ध। इतिहास में इतना भयंकर युद्ध केवल एक बार ही घटित ...
गुरु वह प्रज्ञावान, ज्ञानवान महापुरुष और श्रेष्ठ मानव होता है जो अपने ज्ञान का अभीसिंचन करके व्यक्ति में जीवन जीने ...
कोई माने या न माने, पर मुझे संजय की तरह दिव्य दृष्टि प्राप्त हो गयी है और मैं भली भांति ...
चीन और उत्तर कोरिया को छोड दिया जाए तो कम्यूनिज्म सारी दुनिया से विदा हो चुका है। चीन तो शांघाई ...
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