अनावश्यक धन संग्रह एक मूर्खता
वैभव को कमाया तो असीम मात्रा में भी जा सकता है, पर उसे एकाकी पचाया नहीं जा सकता । मनुष्य के पेट का विस्तार थोड़ा सा ही है । यदि बहुत कमा लिया गया है तो उस सब को उदरस्थ कर जाने की "ललक-लिप्सा" कितनी ही प्रबल क्यों न हो,…