अफगानिस्तान की हलचल का भारत पर प्रभाव
अफगानिस्तान में तालिबान का वर्चस्व स्थापित हो चुका है। राष्ट्रपति अशरफ गनी, उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और उनके सहयोगी देश छोड़कर चले गए हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान का वर्चस्व स्थापित हो चुका है। राष्ट्रपति अशरफ गनी, उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और उनके सहयोगी देश छोड़कर चले गए हैं।
अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ अफगानिस्तान के लोग शरणार्थी बनकर जा सकते हैं। क्योंकि पाकिस्तान की हालत किसी से छुपी नही है और चीन सांस्कृतिक दृष्टि से और सीमाओं की दूरी की दृष्टि से अफगानिस्तान से इतना दूर है कि वहां जाना अफगानिस्तान के लोगों को नहीं सुहाएगा। ऐसे में उन्हें भारत आना ही सबसे आसान लगेगा।
पाकिस्तान के हिस्से में जीत और इज्जत बहुत ही कम नसीब होती है हालांकि समय समय पर पाकिस्तान खुद से इसका अनुभव करता रहता है। अफगानिस्तान में मचे बवाल के बाद अब पाकिस्तान भी उसमें अपनी हिस्सेदारी आतंकियों के साथ बता रहा है और यह होगा भी क्यों नहीं पाकिस्तान…
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा भारत सहित तमाम देशों के लिए खतरा है और तालिबान आतंकवाद का एक नया अड्डा बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात का जिक्र पूरे विश्व के सामने किया और कहा कि तालिबान के…
पाकिस्तान की हालत पूरी दुनिया से छिपी नहीं है विश्व का एक बेकार और निर्धन देश है। यहां ना तो रोजगार है और ना ही एक अच्छी सरकार यहां अगर कुछ है तो वह है आतंकवाद और कट्टरवाद और अब यही दोनों पाकिस्तान के लिए मुसीबत बनते नजर आ रहे…
पाकिस्तान में मंदिरों और अल्पसंख्यकों पर हमला होना कोई आश्चर्य की बात नही है क्योंकि यह हर दिन की घटना हो चुकी है। पाकिस्तान में गुरुवार को एक और मंदिर पर हमला हुआ जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस पर प्रतिक्रिया देते…
अपने देश में बीच-बीच में इस प्रश्न पर चर्चा होती रहती है कि ‘पाकिस्तान का निर्माण किसने किया?’ कुछ दिन पूर्व कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि सशक्त राष्ट्र का सिद्धान्त मूलत: वीर सावरकर का है। आगे चलकर इसे जिन्ना ने अंगीकार कर लिया।
हामिद कर्जई इस सच्चाई को जानते हैं। इसी लिए वह पाकिस्तान पर संपूर्ण भरोसा नहीं करते हैं। यह बात उन्होंने खुल कर भी कही है। अब देखना है कि अमेरिकी सेना की वापसी के बाद हानिद कर्जई और उनका प्रशासक किस तरह नई चुनौतियों का सायना करता है?
भारत की स्वतन्त्रता के साथ ही पाकिस्तान का जन्म हुआ। विभाजन की एक बारीक रेखा के अतिरिक्त उस समय ऐसा और कुछ नहीं था, जो दोनों देशों को मौलिक रूप से अलग करता हो। दोनों देशों की एक साझी विरासत थी।