त्वरित समाधान की मिसाल – नितिन गडकरी

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महामारी के दौरान महाराष्ट्र के करीब 22 जिलों पर ध्यान रखने की जिम्मेदारी नितिन गडकरी को दी गई थी जो उन्होंने बखूबी निभाई। एक दौर तो ऐसा आया कि उन्होंने संपूर्ण महाराष्ट्र राज्य के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों को भी मदद की। नितिन गडकरी ने छोटी-छोटी ऐसी कई चीजें, कई काम कोरोना के दौरान किए जिनकी गिनती नहीं की जा सकती। वे खुद भी ऐसे कामों की गिनती नहीं करना चाहते क्योंकि वे मानते हैं कि लोकप्रतिनिधि के लिए ये सब स्वाभाविक है।

हिंदुत्व, विकास और जातिगत समीकरणों के सहारे भाजपा की रणनीति

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उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 में होने वाले विधनसभा चुनावों के लिए सभी दलों ने अपने अपने तरकश के तीरों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है। जिसमें सपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित प्रदेश की राजनीति में उगे हुए  बहुत सारे छोटे -छोटे दलों भी अपनी भागीदारी व…

पाक प्रेम: जिस भारत ने सब कुछ दिया उसके खिलाफ ही नारेबाजी

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Lucknow: BJP leader Yogi Adityanath addresses a press conference in Lucknow on Feb 8, 2017. (Photo: IANS)
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किसी व्यक्ति के लिए क्या देश से बड़ी उसकी कौम या उसका मजहब हो सकता है? शायद आप का भी जवाब 'ना' होगा लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मजहब को देश के ऊपर रखने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया में हजारो धर्म के लोग है और सभी का धर्म अपनी…

प्रशांत किशोर ने बताया कि आखिर कैसे बीजेपी दशकों तक सत्ता में रहेगी

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चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की चुनावी पकड़ बहुत ही तेज है और अक्सर उनकी बातें सही साबित होती है। हाल ही के बंगाल चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा था कि बीजेपी को जीत हासिल नहीं होगी और वह सही साबित हुआ जबकि बंगाल में बीजेपी ने एड़ी चोटी…

शाह ने कश्मीर में नए दौर को सशक्त करने का ही संदेश दिया

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गृह मंत्री अमित शाह की जम्मू कश्मीर यात्रा ऐसे समय हुई जब प्रदेश को उनकी आवश्यकता थी तथा देश भी जानना चाहता था कि सरकार की नीति रणनीति क्या है। ऐसे समय जब हिंदुओं ,सिख ,गैर कश्मीरियों तथा भारत की बात करने वालों पर आतंकवादी हमले हो रहे हों, आतंकवादियों…

स्वायत्त बहुजन राजनीति और कांशीराम की विरासत..

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क्या देश की संसदीय राजनीति में 'स्वायत्त दलित राजनीतिक अवधारणा' के दिन लद रहे है या राष्ट्रीय दलों में  दलित प्रतिनिधित्व की  नई राजनीति इसे विस्थापित कर रही है।कांग्रेस एवं भाजपा जैसे दलों में दलित नुमाइंदगी प्रतीकात्मक होने के आरोप के  साथ बहुजन राजनीति की शुरुआत हुई थी। बड़ा सवाल…

लगता नहीं कांग्रेस स्वयं को सक्षम बनाना चाहती है

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इधर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक खत्म हुई और उधर उड़ीसा के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप माझी ने कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखा कि मैं कांग्रेस से इस्तीफा दे रहा हूं और ऐसा करते हुए मुझे बहुत दुख और दर्द महसूस हो रहा है। यह एक घटना बताने के लिए…

ऐसी राजनीति चिंतित करती है

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लखीमपुर खीरी और तिकुनिया गांव निश्चित रूप से कुछ समय तक अभी चर्चा में रहेगा। हालांकि कोई भी नहीं चाहेगा कि इस तरह की दर्दनाक घटना किसी क्षेत्र की चर्चा का कारण बने। आठ लोगों की जिस तरह मृत्यु हुई सामान्य स्थिति में दुःस्वप्नों में भी उसकी कल्पना नहीं की…

मीडिया का माइक चालू था और कांग्रेस नेता पढ़ रहे थे शिवकुमार के गैरकानूनी कमाई की किताब

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कांग्रेस और भ्रष्टाचार का बहुत पुराना रिश्ता रहा है और यह रिश्ता लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अगर आप को पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के घोटालों की खबर नहीं मिल रही है तो कारण है उसका सत्ता से दूर रहना। जब देश में राजीव गांधी की सरकार थी…

कन्हैया और जिग्नेश को शामिल करने के खतरे कांग्रेस के लिए ही ज्यादा हैं

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कांग्रेस की दुर्दशा का इससे बड़ा प्रमाण कुछ नहीं हो सकता है कि इस समय उसके बारे में जो भी नकारात्मक टिप्पणी कर दीजिए सब सही लगता है। केंद्रीय नेतृत्व यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जो दांव लगाते हैं वही उल्टा पड़ जाता है। कन्हैया कुमार को…

प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ साजिशे….

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लोकतंत्र ने हर व्यक्ति को विरोध करने और अपने विचार खुलकर व्यक्त करने का अधिकार दिया है, इरादा लोकतंत्र को जीवंत और गतिशील बनाना है ताकि समाज और देश के प्रत्येक वर्ग को लाभ हो। हालाँकि कुछ राजनीतिक दलों और उनके संगठनों के अलग-अलग एजेंडा हैं और इस लोकतांत्रिक साधन…

मुख्यमंत्री बदलना भाजपा की चुनावी रणनीति 

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गुजरात भाजपा के राजनीतिक इतिहास की जांच करने पर यह स्पष्ट है कि चुनाव से डेढ़ साल पहले से ही भाजपा के नेता चुनावी रणनीति बनाने में लगे हैं और हर हाल में अगले साल आने वाले चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश कर रहे हैं। संक्षेप में व्यवहार्यता महत्वपूर्ण है, व्यक्ति नहीं।

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