नागालैंड में AFSPA पर केंद्र सरकार का नया आदेश

Continue Readingनागालैंड में AFSPA पर केंद्र सरकार का नया आदेश

नागालैंड में अफस्पा (AFSPA) को 6 महीने के लिए और बढा दिया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से दलील दी गयी कि पूरे नागालैंड में अशांति व खतरे की स्थिति है ऐसे में नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम 1958 का उपयोग…

बांग्लादेश को हिंदू विहीन करने का सुनियोजित षड्यंत्र है, यह हिंसा

Continue Readingबांग्लादेश को हिंदू विहीन करने का सुनियोजित षड्यंत्र है, यह हिंसा

नवरात्रि के समय बांग्लादेश में एक फर्जी फेसबुक पोस्ट की अफवाहों के बाद वहां पर हिंदू मंदिरों, घरों व  व्यावसायिक ठिकानों पर लगातार हमले हो रहे हैं। हिंदू महिलाओं व युवतियों  के साथ बलात्कार की दर्दनाक घटनाएं हो रही हैं। सर्वाधिक भयानक हिंसा रंगपुर डिवीजन के पीरगंज उपजिला में एक…

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर खतरा!

Continue Readingबांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर खतरा!

भारत सहित पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी जिहादी ताकतों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। इस बार बांग्लादेश में दुर्गा पूजा का पुरजोर विरोध किया गया और जिहादी मानसिकता से ग्रसित लोगों ने ना सिर्फ दुर्गा पूजा पंडाल को तोड़ा बल्कि मूर्तियों को भी खंडित किया। इस दौरान पूजा…

दिल्ली पुलिस की संदिग्ध भूमिका से उठते सवाल

Continue Readingदिल्ली पुलिस की संदिग्ध भूमिका से उठते सवाल

राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर इससे पहले धरना में भाषण देने वाले कब गिरफ्तार हुए इसके लिए पूरा इतिहास खंगालना होगा। इस तरह यह एक विरल मामला हो गया है। आरोप है कि समान नागरिक संहिता, जनसंख्या नियंत्रण कानून, देश में एक कानून आदि की मांग के लिए आयोजित…

नारेबाजी करने वाले कौन लोग थे ?

Continue Readingनारेबाजी करने वाले कौन लोग थे ?

देश की राजनीति में अल्पसंख्यकों को लेकर एक अलग ही प्रेम देखने को मिलता है जबकि उनके वोट भी बाकी वोटों के बराबर ही होते है। अल्पसंख्यकों का हमदर्द बनने की एक रेस की चल रही है कि अगर कहीं पर भी उनका नाम आता है तो उनकी मदद के…

प्रजा परिषद आन्दोलन के साठ साल

Continue Readingप्रजा परिषद आन्दोलन के साठ साल

जम्मू-कश्मीर के पिछले छह दशकों के इतिहास में दो आन्दोलन सर्वाधिक महत्वपूर्ण आन्दोलन कहे जा सकते हैं। मुस्लिम कान्फ्रेंस/नैशनल कान्फ्रेंस का 1931 से लेकर किसी न किसी रूप में 1946 तक चला, महाराजा हरि सिंह के शासन के खिलाफ आन्दोलन, जिसका अन्तिम स्वरूप ‘डोगरो कश्मीर छोडो’ में प्रकट हुआ।

दिल्ली आंदोलन- क्या शाश्वत परिवर्तन होगा?

Continue Readingदिल्ली आंदोलन- क्या शाश्वत परिवर्तन होगा?

दिल्ली में किसी रात नौ बजे के आसपास एक लड़की पर छ: नराधम अत्यंत पैशाचिक पद्धति से बलात्कार करते हैं और जख्मी अवस्था में उसे रास्ते पर फेंककर चले जाते हैं। आगे के 13 दिन वह लड़की जीवन से संघर्ष करती रहती है और अंतत: उसकी मृत्यू हो जाती है। अत्यंत क्रूर और दिल दहलानेवाली घटना।

संघ के आंदोलन और उनके फरिणाम

Continue Readingसंघ के आंदोलन और उनके फरिणाम

संघ यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। अर्फेाी माँगों की फूर्ति के लिये आंदोलन करना यह ना तो उसका प्रकृति धर्म है, ना स्वीकृत कार्य सिद्धि के लिये उफयुक्त औजार।

भारत जागरण का दूसरा दौर

Continue Readingभारत जागरण का दूसरा दौर

बाबा के आंदोलन को तोड़ने की लगातार कोशिश जारी है। बाबा के फास तो कोई धन नहीं मिला, उनके सहयोगी बालकृष्ण को घेरने की कोशिशें जारी हैं। उनके फतंजलि योगफीठ व उनकी दवा कम्फनियों का कच्चा-चिट्ठा खोजने के काम में सरकारी एजेंसियां जी-जान से जुटी हैं।

दूसरी आजादी की लड़ाई – जुलाई २०११

Continue Readingदूसरी आजादी की लड़ाई – जुलाई २०११

जीवन का आधार जल, गुरु महिमा, श्रवण कुमार अब कहां ? वर्षा ऋतु के व्यंजन, सम्पादकीय सहित राज्यों के समाचार, कहानी आदि विषय वस्तु पत्रिका को सम्पूर्ण व समृद्ध बनाती है.

श्वेत-श्याम तसवीर

Continue Readingश्वेत-श्याम तसवीर

लोग कहते हैं श्वेत-श्याम चित्रों का जमाना अब लद चुका है। चारों तरफ रंगीनी ही रंगीनी है। लेकिन चित्र रंगीन होते-होते कब श्वेत-श्याम में फरिवर्तित हो जाए इसे कौन जानता है? अब दक्षिण के ही दो चैनलों को देख लीजिए। कन्निमोझी कैसे चैनल को खड़ा करने के चक्कर में खुद फंस गईं। चैनल रंगीन बना रहा, लेकिन कन्निमोझी की छवि श्वेत-श्याम हो गई।

End of content

No more pages to load