विरासत के आधार पर स्वतंत्र भारत का विकास
स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में अगर हर भारतीय यह निश्चय कर ले कि वह अपनी हर कृति के केंद्र में अपने राष्ट्र को रखेगा, उस कृति का परिणाम अगर राष्ट्रहित में नहीं है तो वह कृति नहीं करेगा तो भारत को विकसित और सुखी राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता।