स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी भारतीयकरण शेष है
आजादी के 7 दशकों के बाद भी देश के तंत्र का भारतीयकरण करना शेष है। स्वदेशी, स्वभाषा और स्वाभिमान किसी...
आजादी के 7 दशकों के बाद भी देश के तंत्र का भारतीयकरण करना शेष है। स्वदेशी, स्वभाषा और स्वाभिमान किसी...
लोकमान्य तिलक की उग्र राजनीति असफ़ल होने वाला रोमांटिज़्म नहीं थी। भारतीयों के मनों में भरे असंतोष को बाहर निकालने...
मीरा अत्यंत उदार मनोभावों से संपन्न भक्त थी। उसके काव्य में हठयोग साधना के संकेत मिलते हैं। भले उनके कृष्ण...
भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद लोगों ने आत्मनिर्भरता पर ज्यादा बल दिया है और तेजी...
संन्यासी अंतःकरण से राजधर्म का पालन करें, यह महत्वपूर्ण विचार समर्थ रामदास जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को दिया था।...
भविष्य मे विश्व गुरु बनने की चाहत रखने वाले भारत जिसकी पहचान आज बिना आक्सीजन से मरे लाशों से भरे...
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने अपने लिए कहीं कोई घर नहीं बनवाया; संपूर्ण हिंदुस्थान उनका घर बन गया। उन्होंने...
यह समझ सभी में निर्माण होने की आवश्यकता है कि अध्यात्म को अपंग एवं विज्ञान को अंधा बनाने से मनुष्य...
आज उम्र के 75वें पड़ाव पर श्री रमेश पतंगे जी की सम्पदा के खाते में केवल ईमानदारी लिखा हुआ है...
पंजाब और दिल्ली में किसानों के भड़कते आंदोलन में ‘इमरान हमारा भाई है’, ‘हमारा दुश्मन दिल्ली में बैठा है’, ‘इंदिरा...
अर्जुन के मन में जो भ्रम की स्थिति निर्माण हुई थी, उस स्थिति के कारण अर्जुन अपने कर्तव्य से दूर...
पर्यावरण दो शब्दों के मेल से बना है। परि और आवरण। परि अर्थात अच्छी तरह और आवरण अर्थात संरक्षीत। दूसरे...
Copyright 2024, hindivivek.com