राजग की बगिया में फिर बहार
मनुष्य का स्वभाव है कि वह एक समय के बाद परिवर्तन चाहता है। यूं देखा जाये तो नीतीश सरकार के हिस्से में बढ़ी खामी, आलोचना या कमी नहीं थी, फिर भी एकरसता को वजह माना जा रहा था।
मनुष्य का स्वभाव है कि वह एक समय के बाद परिवर्तन चाहता है। यूं देखा जाये तो नीतीश सरकार के हिस्से में बढ़ी खामी, आलोचना या कमी नहीं थी, फिर भी एकरसता को वजह माना जा रहा था।
काफी लंंबे अरसे तक फिल्म निर्माण में वस्त्रों के चयन की जिम्मेदारी निर्देशक की हुआ करती थी, किंतु समय के साथ इसमें भी बदलाव आया और सत्तर के दशक में बाकायदा वस्त्र विशेषज्ञ का प्रवेश हुआ। इसे कास्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर जाना गया।
हमारा नेतृत्व दुनिया को दिशा देने में सक्षम है और हमारे आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को स्थायित्व देने में भी। पहल तो हमें ही करनी होगी। ग्रामों को रोजगार अनुकूल बनाकर ही देश को उन्नत किया जा सकता है।
आने वाले समय में राजस्थान की राजनीति के ऊंट की करवट का इंतजार सबको रहेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि सचिन शतकवीर साबित होते हैं, हिट विकेट होते हैं, रन आउट होते हैं या विकेट के पीछे कैच थमाते हैं।
सरकार को तत्काल ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे कारोबारी को ‘तरल’ धन सीधे व आसानी से उपलब्ध हो, ताकि वह देश को वर्तमान संकट से उबारने में जी-जान लगा दे। इससे सरकार को करों के रूप में राजस्व बढ़कर मिलेगा ही, रोजगार मिलने से लोगों में हताशा भी नहीं आएगी।