राजनीति की नायिका

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दक्षिण भारत की राजनीति व फिल्मों में आए कुछ चर्चित चेहरे    जनता के दिलों में ऐसे बैठ गए कि वह उनको कभी भुला न पाई यहां तक कि उनके नाम की ही हर जगह जयजयकार होने लगी| हाल ही में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की खबर जैसे ही जनता को लगी तो कानून व व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने लगी|

अम्मा का यूं चले जाना…

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अम्मा याने मां| तमिलनाडु की जनता के लिए वह मां ही थीं| मां    के गुजरने पर बच्चों के दिल पर जो बितती है, वही तमिलनाडु की जनता पर बीती| बाहर के लोगों को यह पागलपन लगता है; मगर यह पागलपन नहीं उन लोगों का दर्द है जो अम्मा उनको देकर चली गई|

सहकार का मूल तत्व अपरिवर्तित रहे

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     ८ नवम्बर २०१६ को केन्द्र सरकार ने विमुद्रीकरण का फैसला       किया एवं उसी दिन मध्यरात्रि से रु.५०० एवं १००० के नोटों को रद्द कर दिया| ग्रामीण जनता को सेवा देने वाले सहकारी बैंकों को नोटों को बदलने की सुविधा की व्यवस्था से वंचित कर दिया गया| इसके कारण सहकारी क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के तर्क-वितर्कों का उफान आ गया|

यादें बीते हुए साल की….

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जनवरी माह से शुरू होने वाले नए वर्ष में सब से पहले आनेवाला त्यौहार होता है मकर संक्रमण। संक्रमण शब्द का अर्थ है परिवर्तन, आगे बढ़ना या अपनी स्थिति बदलना। और अगर साल की शुरुआत ही परिवर्तन से हो तो स्वाभाविक है कि यह दौर साल के अंत तक चलता है। विगत वर्ष अर

प्रतिभाएं हैं, मौका तो दीजिए

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उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित जौहड़ी गांव में उम्मीद की एक किरण ने करीब डेढ़ दशक पूर्व अंगडाई ली। अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज एवं पेशे से डॉक्टर रहे राजपाल सिंह ने जनसाधारण का खेल बना दिया। आधुनिक सुविधाओं के अभाव में उन्होंने युवाओें के हाथ में लाठी,

कश्मीर घाटी में नोटबंदी का असर

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नोटबंदी के चलते किसको लाभ हुआ और किसको हानि, राजनीति और अर्थशास्त्र के विद्वान लोग इसका लम्बे अरसे तक अध्ययन करते रहेंगे और अपने अलग-अलग निष्कर्ष भी निकालते रहेंगे। लेकिन नोटबंदी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ दी है, इसको लेकर सभी सहमत हैं। इस म

नोटों की किल्लत और छपाई

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देश में ५०० और १,००० रुपये के पुराने नोट बंद हुए डेढ़ महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है। हालांकि बैंकों की शाखाओं में और एटीएम के बाहर पहले जैसी लंबी कतारें तो नहीं दिख रही हैं और गांव-देहात में भी जरूरत भर की रकम मिल जाने की खबर आ रही है, लेकिन नोटों की

नोटबंदी का एक्स-रे

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ओशो और नोटबंदी की बात करना बड़ा अटपटा लगेगा। लेकिन ओशो के चिंतन की गहराई में उतरे तो इसमें सिद्धांत पकड़ में आ जाएगा। ओशो ने कहा है, जब बदलाव या नवनिर्माण होता है तब सब कुछ उल्टा-पुल्टा हुआ लगता है। अराजकता का माहौल बन जाता है। पुरानी इमारत ध्वस्त हो जाती

 बलि चढ़ती संसद

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नवम्बर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ५०० और १०००रु. के नोटों को प्रचलन से रद्द कर दिया| इस विमुद्रीकरण से देश भर में बड़ा हो-हल्ला हो गया| स्वाभाविक रूप से विपक्ष को संसद में हंगामा करने का एक नया मुद्दा हाथ लग गया| इससे संसद चलने न देने का पारम्परिक राजनीतिक कार्यक्रम भारतीय जनता को अनुभव करना पड़ा|

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