कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले का सच
देश में कोयला आवंटन घोटाला उजागर हुआ तब देश की राजनीति में भारी हडकंप मच गया। कोयला आवंटन घोटाले की वजह से देश के राजस्व की भारी हानि के साथ कोयला उत्पादन व रोजगार के अवसरों पर भी बुरा असर हुआ।
देश में कोयला आवंटन घोटाला उजागर हुआ तब देश की राजनीति में भारी हडकंप मच गया। कोयला आवंटन घोटाले की वजह से देश के राजस्व की भारी हानि के साथ कोयला उत्पादन व रोजगार के अवसरों पर भी बुरा असर हुआ।
ये कोई नई बातें नहीं हैं; लेकिन दुहराना इसलिए पड़ रहा है कि नवम्बर में ऐसी तीन घटनाएं हो चुकी हैं। दो घटनाएं ‘भारत रत्न’ अलंकरण से जुड़ी हैं और एक साहित्य अकादमी के पुरस्कार से। राजनीतिक धमाचौकड़ी में ये घटनाएं दबकर रह गईं।
वनवासी समाज राजनैतिक, सामाजिक, ऐतिहासिक व भौगोलिक कारणों से आज पिछड़ा हुआ दिखता है। स्वतंत्रता मिली थी, तब अंग्रेजों ने भारत को अनेक टुकड़ों में बांटने का तय किया था जिसके लिए उन्होंने भारत में राज्य स्थापना के बाद से ही प्रयास प्रारंभ किए जो राजनैतिक, प्रशासनिक, शैक्षणिक, कानूनी आदि विविध नीतियों के माध्यम से होता रहा।
पिछले दिनों राहुल गांधी ने कहा था कि मायावती किसी दलित नेता को उभरने नहीं देती हैं। उन्होंने सच कहा था। इसका स्वागत किया जाना चाहिए कि उन्हें दलितों की चिंता है। वास्तव में देश में दलित नेताओं का अभाव है।
धूम 3’ का फर्स्ट लुक देखने के बाद आमिर खान और अभिषेक बच्चन पत्रकारों से मुखातिब हुए। कुछ छोटे-छोटे प्रश्नों के बाद एक प्रश्न किसी ने पूछ कि सचिन तेंडुलकर अपने 24 सालों के कैरियर के बाद निवृत्त हो रहे हैं।
वर्ष 2013 के विदा लेते समय देश की कुल स्थिति पर गौर करना लाजिमी है, क्योंकि अगले वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव आने वाले हैं और देश को अपनी सरकार चुननी है। पिछले दस वर्षों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने राजकाज चलाया है। यह मौका है कि मतदाता यूपीए के खाते का अवलोकन करें।
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में हुआ विकास, उस विकास के कारण मुसलमान जनता को मिला लाभ बहुत बड़ा है। इसी वजह से गुजरात और पूरे देश के मुसलमानों के मन में मोदी की कार्यपद्धति के प्रति विश्वास निर्माण हो रहा है। नरेन्द्र मोदी के द्वारा ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ तत्व सामने रखकर किया गया विकास और सन 2014 में संपन्न होनेवाले चुनावों में नरेन्द्र मोदी की विकास की संकल्पना का समर्थन करने की मुसलमानों की उजागर होती मंशा का पेश है लेखाजोखा-