भरोसा कहीं नहीं, सारा जहां हमारा

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पहली लाइन तो बिल्कुल सीधी प्रतीत होती है। उसमें काव्यगुण का अभाव भी लगता है। लेकिन दूसरी लाइन शायर ने ऐसी जोड़ दी है, कि दोनो पंक्तियों को बड़ा गहरा अर्थ प्राप्त होता है। उपरोधपूर्ण भाव पाठक तक पहुंचाने में शायर कामयाब होता है।

संतों की समरसता

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संतों का समाज में समरसता भावजागरण में योगदान अमूल्यऔर अतुलनीय है। संतों के इस कार्य के विभिन्न आयाम हैं। मगर इन सारे संतों की विचारधाराओं में हम कुछ समान बिंदु देख पाते हैं। ये समान बिंदु इस प्रकार हैं- * मुक्ति पाने हेतु प्राणी को

वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप सिंह

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महाराणा प्रताप के वंशज महाराणा भगवत सिंह जी विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष बने। सम्पूर्ण देश का दौरा किया तथा अमेरिका में हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता भी की। इस तरह ‘हिंदुओं के सूरज’ चरितार्थ करने

खूब लडी मर्दानी

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झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अटूट राष्ट्रनिष्ठा एव अंतिम क्षणों तक सतीत्व रक्षा के प्रति जागृत थी। यह बोध आज की पीढ़ी के लिए सचमुच प्रेरणादाई है। आज की युवा पीढ़ी को चाहिए कि वह रानी के बलिदान को व्यर्थ न जाने दे। २५ मई (शास

कोड नंबर का जंजाल

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ब चपन में एक कहानी पढ़ी थी। एक व्यापारी औरअध्यापक यात्रा कर रहे थे। रास्ते में जंगल भी थे और सुनसान गांव भी। व्यापारी ने समय काटने के लिए अध्यापक से बात करनी चाही। उसने कहा कि एक बात के सौ रुपये लगेंगे। व्यापारी कहीं से अच्छे-खासे नोट कमाकर ला रहा था। जेब गरम होने के कारण उसने अध्यापक के हाथ पर सौ रुपये रख दिए।

फालके अवार्ड विजेता शशि कपूर

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कपूर खानदान के कलाकार कभी भी ‘कैमेरा कॉन्शियस’नहीं होते। सच पूछिए तो कैमेरा ही उनकी सुंदरता ‘कवर’ करता है। यह बात कपूर खानदान की तीन पीढियों- पृथ्वीराज कपूर से लेकर करीना कपूर तक- सभी पर लागू होती है। परंतु

‘हिन्दु मुक्त कश्मीर’ का सपना टूट रहा है!

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जम्मू-कश्मीर के विधायक इंजीनियर रशीद ने एक अत्यंतविवादास्पद मुद्दा पेश किया है। उनका कहना है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी में लौटने के पूर्व वहां रहने वाले बहुसंख्यक मुसलमानों की माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि, मुसलमानों को आतंकवादियों की बंदूकों की छाया में

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