भरोसा कहीं नहीं, सारा जहां हमारा
पहली लाइन तो बिल्कुल सीधी प्रतीत होती है। उसमें काव्यगुण का अभाव भी लगता है। लेकिन दूसरी लाइन शायर ने ऐसी जोड़ दी है, कि दोनो पंक्तियों को बड़ा गहरा अर्थ प्राप्त होता है। उपरोधपूर्ण भाव पाठक तक पहुंचाने में शायर कामयाब होता है।