औरंगजेब-टीपू सुल्तान से मुसलमानों को हमदर्दी क्यों?

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क्या यह अच्छा नहीं होता कि औरंगज़ेब और टीपू सुल्तान जैसे कट्टर एवं मतांध शासकों को नायक के रूप में स्थापित करने या ज़ोर-जबरदस्ती से बहुसंख्यकों के गले उतारने की कोशिशों की बजाय मुस्लिम समाज द्वारा रहीम, रसखान, दारा शिकोह, बहादुर शाह ज़फ़र, अशफ़ाक उल्ला खां, खान अब्दुल गफ़्फ़ार खान, वीर अब्दुल हमीद एवं ए.पी.जे अब्दुल कलाम जैसे साझे नायकों व चेहरों को सामने रखा जाता? इससे समन्वय, सहिष्णुता एवं सौहार्द्रता की साझी संस्कृति विकसित होगी। कट्टर एवं मतांध शासकों या आक्रांताओं में नायकत्व देखने व ढूँढ़ने की प्रवृत्ति अंततः समाज को बाँटती है। यह जहाँ विभाजनकारी विषबेल को सींचती है, वहीं अतीत के घावों को कुरेदकर उन्हें गहरा एवं स्थाई भी बनाती है।

भारत का दुश्मन आतंकी संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT)

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हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) कट्टरपंथी इस्लामी प्रचारक तकी अल-दीन-अल-बानी द्वारा लिखित संविधान को भारत में लागू करना चाहता है, इसके लिए यह मानता है कि युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के बाद ही ऐसा किया जाना संभव है। देश में अब तक दक्षिण भारत तक ही इसकी गतिविधियां सीमित थीं, किंतु भोपाल में पकड़े गए एचयूटी मॉड्यूल के सामने आने के बाद लगता है कि भारत के कई अन्‍य राज्‍यों में भी इसने अपने समर्थक खड़े कर लिए हैं और यह अब अपने संगठन विस्‍तार में लगा हुआ है। इस संगठन पर 16 देशों में प्रतिबंध लग चुका है। यह संगठन भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के स्थान पर इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है। इसके लिए संगठन ने मध्यप्रदेश में भी गुपचुप तरीके से अपना कैडर तैयार करना प्रारंभ कर दिया था।

 डॉ. भागवत के भाषण पर विवाद का कारण नहीं

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डॉक्टर भागवत के पूरे भाषण की थीम यही है कि आपके मतभेद होंगे लेकिन देश के द हित का ध्यान रखेंगे तो यह अपने आप कम हो जाएंगे और इसकी कोशिश हर भारतीय को करते रहनी चाहिए। इसमें सबसे नकारात्मक भूमिका किसी व्यक्ति या समुदाय में प्रभावी संगठनों या सरकारों को लेकर भय के मनोविज्ञान का है। अगर किसी समाज के अंदर अपने देश की व्यवस्था, यहां के बड़े संगठनों , सरकारों या किसी समुदाय को लेकर भय और गुस्सा पैदा कर दिया गया तो उस समूह में राष्ट्रवाद का भाव हाशिए पर चला जाता है। देश के नेताओं, एक्टिविस्टो एवं मीडिया के कुछ पुरोधा बार-बार यही डर पैदा कर रहे हैं। ऐसे लोगों का केवल विरोध करना पर्याप्त नहीं है। इसके समानांतर व्यापक सकारात्मक परिदृश्य एवं उनको सहमत कराने योग्य तथ्यों एवं विचारों को लगातार अभिव्यक्त करते रहना आवश्यक है।

वैकल्पिक विमर्श को बढ़ाती फिल्म : द केरल स्टोरी

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यह फिल्म मात्र नहीं, एक सोच है। एक ऐसी सोच जो हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के प्रति जिम्मेदारी का भाव जगाने का प्रयास करती है। जाहिर सी बात है कि, तथाकथित सेक्युलर विरोध करेंगे ही। फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ इन दिनों चर्चा में बनी हुई है। इस फिल्म की…

युवाओं को विकास-यात्रा से जोड़ा जा रहा है

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उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार को ‘रोजगार मेला’ में करीब 71 हजार नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में युवाओं को राष्ट्र की विकास-यात्रा से जोड़ा जा रहा है। देशभर में 45 जगहों पर आयोजित ‘रोजगार…

दिव्यांग सामूहिक विवाह का पुणे में आयोजन

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सक्षम पुणे महानगर और दिव्यांग कल्याणकारी शिक्षण संस्था व वैद्यकीय संशोधन केंद्र, वानवडी की पहल पर, वानवडी में संस्थान के परिसर में दिव्यांगों का सामुदायिक विवाह समारोह आयोजित किया गया। दिव्यांग कल्याणकारी संस्था के अध्यक्ष, पूर्व सांसद प्रदीप रावत, उद्यमी पुनीत बालन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत सेवा प्रमुख…

मजहब न पूछो अपराधी का

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समाज का एक वर्ग, फिल्म 'द केरल स्टोरी' का अंधाधुंध विरोध कर रहा है। तमिलमाडु में जहां सत्तारुढ़ दल द्रमुक के दवाब में प्रादेशिक सिनेमाघरों ने इस फिल्म का बहिष्कार किया, तो प.बंगाल में ममता सरकार द्वारा इसपर प्रतिबंध लगाने के बाद फिल्म देख रहे दर्शकों को सिनेमाघरों से पुलिस…

शिक्षा ही पीढ़ी निर्माण की नींव

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किसी भी शहर के विकास में वहां की शिक्षण संस्थाओं का योगदान काफी महत्व रखता है। इंदौर में होलकर वंश तथा अन्य सामाजिक संस्थाओं ने शिक्षा के प्रचार-प्रसार को लेकर वृहद् स्तर पर प्रयास किए। इसका परिणाम है कि एक समृद्ध, सुसंस्कृत एवं स्वच्छ इंदौर शहर मानक के तौर पर…

समलैंगिक विवाह एक मानसिक बुराई

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इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि अदालतों में जब लाखों प्रकरण लंबित बने रहने का रोना रोया जा रहा हो, तब देश की शीर्ष न्यायालय के न्यायमूर्तियों की पीठ एक ऐसे मुद्दे की माथापच्ची में लगी हो, जिसका वैवाहिक समानता के अधिकार से कोई सीधा वास्ता ही नहीं है। वास्तव…

गोवा में अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय खेलों का आयोजन

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गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को कहा कि राज्य में अक्टूबर 2023 में होने वाले राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सावंत इन खेलों की तैयारियों के संबंध में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा के साथ बैठक करने के बाद संवाददाताओं से बात…

हॉकी इंडिया का अभियान हर घर हो हॉकी की पहचान

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हॉकी इंडिया ने देश के सभी जिलों को नियमित कोचिंग कैंप और अंतर-जिला प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल का नाम ‘हॉकी इंडिया का अभियान हर घर हो हॉकी की पहचान’ है। कार्यक्रम के तहत विभिन्न राज्यों में हॉकी स्टिक और बॉल भी बांटे…

युवा बलिदानी अनंत लक्ष्मण कान्हेरे

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भारत माँ की कोख कभी सपूतों से खाली नहीं रही। ऐसा ही एक सपूत थे अनंत लक्ष्मण कान्हेरे, जिन्होंने देश की स्वतन्त्रता के लिए केवल 19 साल की युवावस्था में ही फाँसी के फन्दे को चूम लिया। महाराष्ट्र के नासिक नगर में उन दिनों जैक्सन नामक अंग्रेज जिलाधीश कार्यरत था।…

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